नई दिल्ली : चीन और रूस के प्रधानमंत्रियों के बीच समझौता हुआ है. डॉलर मुक्त करेंसी में आपसी व्यापार करने का निर्णय लिया गया है. अब मुख्य रूप से व्यापार चीनी करेंसी रेनमिन्बी में होगा.
एक बार पहले भी यह प्रयास हुआ था इस मुहिम में ब्रिक्स देश भी जुड़ना चाहते थे. लेकिन ट्रंप द्वारा ब्रिक्स देशों में एक्स्ट्रा टैरिफ की धमकी के बाद पीछे हट गए. इधर, भारत भी चीन की करेंसी को डॉलर की जगह व्यापार की वैकल्पिक करेंसी मानने को तैयार नहीं है.
क्योंकि चीन सरकार कभी भी अपनी करेंसी को बढ़ा और घटा देती है. ऐसी स्थिति में भारत को भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है. वैसे भी चीन की करेंसी 100 फीसदी कन्वर्टिबल नहीं है, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए उपयुक्त नहीं है.