जयपुर : प्रदेशभर में "शुद्ध आहार मिलावट पर वार अभियान" के तहत दिसम्बर माह में बच्चों की खाद्य सामग्री की शुद्धता जांच पर विशेष फोकस रहेगा. खाद्य सुरक्षा आयुक्त डॉ टी शुभमंगला के निर्देशन में अभियान के तहत FSO की टीमों को पूरे एक माह का प्लान दिया गया है, जिसमे शिशु आहार एवं बेबी फूड, चॉकलेट कैंडी, गमी, लॉलीपॉप, केक, पेस्ट्री समेत उन खाद्य सामग्रियों की जांच होगी जो अधिकतर बच्चे खाने के उपयोग में लेते है. इस दौरान टीमों को न सिर्फ जांच,बल्कि खाद्य सुरक्षा कानून के तहत सैम्पल उठाने के निर्देश भी दिए गए है.
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की मंशा है कि आमजन को गुणवत्तापूर्ण खाद्य सामग्री बाजारों में उपलब्ध हो इसी सोच को ध्यान में रखते हुए प्रदेशभर में "शुद्ध आहार मिलावट पर वार अभियान" चलाया जा रहा है, जिसमें दिसम्बर का महीना बच्चों की खाद्य सामग्रियों पर केन्द्रीत किया गया है. इसके पीछे की वजह ये है कि पिछले दिनों एफएसओ की रिव्यू बैठक में सामने आया था कि बच्चों की खाद्य सामग्री में अलग अलग रंगों का उपयोग किया जा रहा है, जो सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है....ऐसे में खाद्य सुरक्षा आयुक्त डॉ टी शुभमंगला ने दिसम्बर माह में बच्चों की खाद्य सामग्रियों को लेकर विशेष कैम्पेन चलाने के निर्देश दिए है. डॉ शुभमंगला ने बताया कि कैम्पेन के दौरान फील्ड में बिक रहे खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता को जांचा जा सकेगा, साथ ही परिजनों को भी ये पता लग सकेगा कि जो खाद्य सामग्री वो अपने बच्चों को रोजमर्रा में खिला रहे है, वो उनके लिए कितनी सेफ है.
-गलत ब्रांडिंग / भ्रामक लेबल की भी होगी जांच
-मासूमों की सेहत के प्रति चिंतित खाद्य सुरक्षा आयुक्तालय
-खाद्य आयुक्त डॉ टी शुभमंगला के निर्देशन में शुरू किया गया विशेष अभियान
-दिसम्बर माह में मुख्यतया : बच्चों की खाद्य सामग्री को फोकस करते हुए अभियान
-पैक्ड और अनपैक्ड दोनों केटेगिरी की खाद्य सामग्रियों की जांच कर उठाए जाएंगे सैम्पल
-इस दौरान शिशु आहार एवं बेबी फूड, चॉकलेट कैंडी, गमी, लॉलीपॉप,केक, पेस्ट्री,
-कुकीज, ब्रेड, मोमोज, पानीपुरी, पावभाजी, चिप्स, फ्रायम्स, नूडल्स, पास्ता, चाईनिज फूड,
-सोयाचाप, पनीर टिक्का, रंगीन खाद्य पदार्थ एवं कन्फेक्शनरी आइटम, कॉटन कैडी
-कार्बोनेटेड पेय, सॉफ्ट ड्रिंक्स एवं अन्य ठंडे पेय पदार्थों की विशेष जांच के निर्देश
-अभियान के दौरान ये भी देखा जाएगा कि बच्चों के उपयोग में आ रहे उत्पादों में गलत ब्रांडिंग /
-भ्रामक लेबल तथा पैकेजिंग एवं लेबलिंग मानकों का उल्लंघन तो नहीं किया जा रहा है
अभियान को लेकर फील्ड अधिकारियों को निर्देश दिए गए है कि वे बच्चों से जुड़ी खाद्य सामग्री के उत्पादकों, खुदरा विक्रेताओं, बेकरी, खान-पान स्थलों से नियमित रूप से सैम्पल लेंगे. साथ ही खाद्य सुरक्षा मानकों, स्वच्छता, तथा फूड कलर एवं एडिटिव्स के अनुपालन एफएसएस एक्ट में निर्धारित मानकों अनुसार जांच करेंगे. आदेश में साफ कहा गया है कि अभियान का व्यापक उद्देश्य जनता में "इंट राइट" आदतों को बढ़ावा देना तथा बच्चों के स्वास्थ्य एवं कल्याण की सुरक्षा पर विशेष जोर देना है.