VIDEO: सरकारी अस्पताल में ससम्मान इलाज ! मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की मंशा को धरातल पर उतारने की कवायद, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर : सीएम भजनलाल शर्मा की मंशा को धरातल पर उतारने के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग मरीजों को "भीड़भाड़-धक्कामुक्की" के बजाय सम्मानपूर्वक इलाज मुहैया कराने पर फोकस कर रहा है. इसके तहत विभाग ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत राजधानी के कावंटिया अस्पताल में क्यू मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया है, जिसमें मरीज को ओपीडी में पर्ची कटाने से लेकर चिकित्सक को दिखाने के लिए किसी भी जगह कतारों में खड़े होने की जरूरत नहीं होगी. टोकन सिस्टम के जरिए मरीज का नम्बर आएगा और वो चिकित्सक से परामर्श ले सकेगा. आखिर क्या है नई व्यवस्था और किस तरह मरीजों का रास आ रहा भजनलाल सरकार का ये नवाचार.

प्रदेश के सरकारी अस्पताल की तस्वीर जगह-जगह भीड़, खुद का नम्बर लाने के लिए धक्कामुक्की और सेवाओं के लिए जुझते मरीज. लेकिन चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रयासों के मुताबिक सबकुछ ठीक रहा तो जल्द ही ये तस्वीर बदलने वाली है. जी हां, सीएम भजनलाल शर्मा के मरीजों को बेहतर माहौल में ट्रीटमेंट देने के निर्देशों की पालना में चिकित्सा शिक्षा विभाग ने बड़ा नवाचार किया है.

- राजधानी के बड़े अस्पतालों में शुमार कांवटिया
- रोजाना 2000 से अधिक मरीजों को सेवाएं देता है अस्पताल
- 130 से 150 के आसपास मरीज आईपीडी में 24 घंटे लेते है सेवाएं
- अस्पताल में हर माह होती है 400 से अधिक एमआरआई और 450 से अधिक डायलिसिस
- मेडिसिन के अलावा न्यूरोलॉजी, नेफ्रो, गायनी, ईएनटी, नेत्र, स्कीन, ऑर्थो, डेंटल, आरआरसी, मेडिकल ज्यूरिस्ट की मिल

इस नवाचार को फाइनल रूप देने के लिए चिकित्सा शिक्षा सचिव अम्बरीश कुमार ने आज कांवटिया अस्पताल का दौरा किया. इस दौरान फर्स्ट इंडिया से खास बातचीती में उन्होंने बताया कि पहले चरण में काउंटिया और जयपुरिया अस्पताल में ये व्यवस्था शुरू की जा रही है, जिसे जल्द ही एसएमएस समेत अन्य अस्पतालों में भी लागू किया जाएगा. इसके साथ ही जल्द ही विभाग एक एप भी लॉच कर रहा है. जिसके जरिए मरीज और उनके परिजन ऑनलाइन माध्यम से ओपीडी की पर्ची समेत अन्य सेवाएं बुक करा सकते है.  

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