जयपुर: जेडीए की मिलीभगत के चलते राजधानी में इन दिनों अवैध रूप से 25 से 30 हजार वर्गगज के भाव जमीन के पट्टे काटे जा रहे है, उंचे दामों में तालाब की भूमि पर भूकंण्ड बेचने का मामला इन दिनों खूब चर्चाओं में है लेकिन राजनेताओं और आलाधिकारियों की मिलीभगत के चलते ये पूरा खेल खुलेआम खेला जा रहा है विधानसभा से लेकर आमजनता के बीच से कई बार इसकी शिकायत जेडीए तक पहुंची लेकिन रसूखात के चलते जेडीए के अधिकारी कार्यवाई करने से कतरा रहे है जबकि तालाब की भूमि पर बसाई जा रही कॉलोनी को खुद जेडीए भी अवैध मान चुका है अब हर कोई तालाब की भूमि पर बस रही इस अवैध कॉलोनी पर कार्रवाई की बांट देख रहा है.
तालाब की भूमि पर अवैध भूखंड की कीमत 25 हजार रूपए वर्गगज
आमजनता को धोखा देकर बेचे जा रहे उंची कीमतो पर भूंखड
आलाधिकारियों से लेकर राजनेताओं की सांठ गाठ आई सामने
कई बार शिकायत के बाद भी जेडीए पूरे मामले में साधे हुए हैं चुप्पी
जबिक जेडीए ने तालबा की भूमि पर काटे जा रहे भूंकडों को माना अवैध
लेकिन रसूखात के दम पर धीरे धीरे खूब पनप रही अवैध कॉलोनियां
जेडीए के जोन नम्बर 10 में स्थित है यह तालाब की भूमि
खसरा नम्बर 1954 से लेकर 1958 पर काटी जा रही अवैध आवासीय भूमि
अवैध रूप से सोसाइटी बना तालाब की भूमि पर खुलेआम अवैध भूखंड इन दिनों 25 हजार वर्गगज के भाव से बेचे जा रहे है,यहीं नहीं इसमें भी कॉमर्शियल भूखंडों के भाव इससे भी अधिक है वहीं आमजनता भी इनके वहकावे में आकर यहां खूब निवेश कर रही है यहां तक की कई मकानों में तो इन दिनों लोग रहकर अपना जीवन यापन भी कर रहे है लेकिन शायद उनको ये पता नहीं है जिस आशियाने को उन्होने बड़ी मेहनत से बनाया वो पूरी तरह से अवैध है खो नागोरियान क्षेत्र में बडली के तालाब में विगत महिनों में अवैध रूप से भूंखंड काटे जा रहे है.
हालात ये है कि इस अवैध भूमि पर भूखड बेचने के लिए अलग अलग प्रोपर्टी व्यवसायी लोगों को रोज यहां लाते है और उनकों झूठे सपने दिखा रहे है सूत्रों की माने तो इस अवैध रूप से काटी जा रही कॉलोनियों में कुछ राजनेता और बडे अधिकारियों को पैसा लगा हुआ है यहीं कारण है कि अभी तक इस तालाब की भूमि पर बसाई जा रही अवैध कॉलोनी पर जेडीए का पीला पंजा नहीं चल पाया उसके पीछ बजह है राजनेताओ और अधिकारियों का संरक्षण.
यूडीएच मंत्री का आश्वासन पर आज तक नहीं हुआ अमल
मंत्री ने तालाब की भूमि पर कार्यवाई करने की कही थी बात
विधायक के सवाल पर विधानसभा में कही थी कार्यवाई करने की बात
इसके साथ ही अवैध कॉलोनी की शिकायत जेडीए तक भी पहुची
शिकायत के बाद जेडीए ने तैयार की मौका रिपोर्ट
रिपोर्ट में माना तालाब पर बसाई जा रही कॉलोनी अवैध
जेडीए ने रिपोर्ट में यह भी माना की उक्त योजना गैर अनुमोदित है
अलग अलग सहकारी समितियों ने तीन कॉलोनियां अवैध रूप से की सृजित
अवैध रूप से बसाई जा रही कॉलोनी का जेडीए का पास नहीं है कोई रिकॉर्ड
स्थानीय निवासियों की माने तो इस तालाब से पहले लोग अपनी खेती के लिए पानी लेते थे लेकिन देखते देखते भूमाफियों ने इस तालाब की जमीन को अपने रसूखात के दम पर कब्जा लिया और भूखंड काट दिए गए शिकायत के बाद मामला विधानसभा तक जा पहुचा लेकिन विधायक और मंत्री के हस्तक्षेप के बाद भी इस तालाब की भूमि पर अवैध कब्जा आज तलक तक बरकरार है ये हालात तो तब है जब तालाब की भूमि पर अवैध रूप से बसाई जा रही इस कॉलोनी की शिकायत जब जेडीए के पास पहुंची तो जेडीए ने पूरे मामले पर तुरंत प्रभाव से जांच रिपोर्ट तैयार कराई,जांच रिपोर्ट में पाया गया कि तालाब की भूमि पर बसाई जा रही इस कॉलोनी का ना तो कोई रिकर्ड जेडीए के पास है और उक्त योजना गैर अनुमोदित है जेडीए ने जांच रिपोर्ट में लिखा कि अलग अलग सहकारी समितियों ने तीन कॉलोनियां अवैध रूप से सृजित की है. अब सवाल ये है कि जब जेडीए की ओर से ये मान लिया गया है कि ये कॉलोनियां अवैध है तो फिर कार्यवाई अभी तक क्यो नहीं की गई.
अवैध रूप से तालाब की भूमि पर बसाई जा रही कॉलोनी के चलते स्थानीय लोगों को भी खासी परेशानी का सामना करना पड रहै है अगर समय पर इस अवैध कॉलोनियों पर कार्यवाई नहीं की गई तो आने वाले वक्त में पूरी तालाब की भूमि जल्द ही आशियाने खडे कर दिए जाएंगे.