नई दिल्लीः भारत दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बना हुआ है. इस मामले में चीन भी भारत से नीचे यानि दूसरे नंबर पर है. यही कारण है कि भारत की जनसंख्या अब उसके लिए एक गहन मुद्दे के साथ ताकत भी बनती जा रही है. पूरी दुनिया में भारतीय श्रमिकों की डिमांड बढ़ती जा रही है. भारत का लेबर फोर्स पूरी दुनिया के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता जा रहा है. ना सिर्फ महत्वपूर्ण बल्कि अन्य मुल्कों के लिए सहायता का केंद्र बन गया है.
ऐसे में इजरायल और इटली के बाद अब मजदूर संकट का सामना कर रहे ताइवान की मदद के लिए भारत ने हाथ बढ़ाया है. ताइवान और भारत के बीच श्रमिकों के लिए एमओयू साइन हो गया है.
जानकारी के मुताबिक इस समझौते के तहत दोनों देशों के बीच पहले पायलट स्कीम लॉन्च की जाएगी. इसके बाद धीरे-धीरे इस दक्षिण एशियाई देश के लिए श्रमिकों की संख्या बढ़ती रहेगी. भारतीय लेबर फॉर्स ताइवान की तरक्की के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित होगा. हालांकि भारत की ओर से ताइवन में कितने लोगों को काम करने के लिए भेजा जाएगा. इसकी संख्या अभी साफ नहीं है.
शुरुआती रिपोर्ट्स में कहा गया था कि भारत से लगभग 1 लाख लोगों को ताइवान में काम करने के लिए भेजा जाएगा. मगर, ताइवान ने इस आंकड़े से इनकार कर दिया था. रिपोर्ट के मुताबिक श्रमिकों की संख्या ताइवान ने अभी निर्धारित नहीं की है.
ताइवान लेबर फॉर्स की संख्या निर्धारित करेगा. ताइवान की जरूरतों के हिसाब से भारत लेबर फोर्स के स्किल डेवलपमेंट, ट्रेनिंग और रिक्रूटमेंट पर काम करेगा. इस एमओयू के संबंध में नोटिफिकेशन जल्द जारी किया जाएगा.