VIDEO: मानसूनी बारिश ने दिए हजारों जख्म, इस मानसून 47 हजार से ज्यादा परिसंपत्तियों को हुआ नुकसान, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: प्रदेश में हुई मानसूनी झमाझम के दौरान बाढ़ और अतिवृष्टि से हुए हजारों जख्मों पर मरहम लगाया जा रहा है ताकि आमजन को राहत मिल सके. इस मानसून कितने हजार परिसंपत्तियों को नुकसान हुआ और किस जिले को कितनी राशि स्वीकृत की गई.

प्रदेश से इस माह विदा हुआ मानसून गहरे जख्म देकर गया है. मौसम जनित घटनाओं में 112 लोग जान गंवा चुके हैं, जबकि 47 हजार से ज्यादा परिसंपत्तियों को नुकसान पहुंचा. नुकसान का जिलेवार आंकलन कर सुविधा राशि मुहैया करवाई जा चुकी है, जिससे खराब हो चुकी संपत्तियों को सही करवाने का काम शुरू हो चुका है. बड़ी बात तो यह है कि तात्कालिक मरम्मत के लिए अब तक 95 करोड़ से अधिक की राशि खर्च की जा रही है. जो बीते साल में मानसूनी नुकसान में सबसे ज्यादा रही है. सबसे ज्यादा नुकसान जयपुर जिले की 3375 संपत्तियों को पहुंचा और सुधार के लिए 60 करोड़ से अधिक राशि स्वीकृत हो चुकी है. 

--- विभागवार नुकसान का आंकलन के बाद स्वीकृति राशि ---
-सार्वजनिक निर्माण विभाग, जल संसाधन विभाग, चिकित्सा विभाग, पंचायती राज विभाग, 
जलदाय विभाग, शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग को जारी राशि
-सार्वजनिक निर्माण विभाग में 13 हजार सड़क कार्यों के लिए 28 हजार 505 लाख जारी
-सार्वजनिक निर्माण विभाग में 1145 पुलिया कार्यों के लिए 692 लाख रुपए जारी 
-जल संसाधन विभाग के 846 कार्यों के लिए 1754 लाख रुपए जारी
-चिकित्सा विभाग के 705 कार्यों के लिए 1311 लाख रुपए जारी 
-पंचायती राज विभाग में 773 भवन कार्यों के लिए 1694 लाख रुपए जारी 
-जलदाय विभाग में 17 कार्यों के लिए 22 लाख रुपए जारी 
-शिक्षा विभाग में 23 हजार मरम्मत कार्यों के लिए 46 हजार 130 लाख रुपए जारी
-महिला बाल विकास व आंगनबाड़ी के 7305 भवन मरम्मत कार्यों के लिए 15 हजार लाख रुपए जारी

विभाग के हिसाब से नुकसान की बात करें तो प्रदेश में 13 हजार 718 सड़कों को नुकसान पहुंचा और सुधार के लिए 28 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं. बारिश से प्रदेश की 1145 पुलिया क्षतिग्रस्त हुई, जिन्हें 692 लाख रुपए से सुधारा जा रहा है. जल संसाधन विभाग की 846 परिसंपत्तियों को नुकसान हुआ, जबकि जलदाय विभाग की 17 सपत्तियों पर 22 लाख रुपए खर्च किए जा रहे हैं. 

किस जिले को कितनी राशि स्वीकृत
जिला----------कार्यों की संख्या-------राशि (लाखों में) 
सीकर---------1064------------------2042.09
राजसमंद------1546-----------------2918.74
टोंक------------2463----------------5115.14
नागौर-----------2403----------------5545.92
प्रतापगढ़--------906-----------------1719.80
डूंगरपुर---------1061----------------1988.21
सिरोही----------1260----------------2502.84
चूरू-------------1230----------------2580.61
सवाई माधोपुर--1209----------------2386.80
दौसा-------------1663---------------3215.75
भरतपुर----------504-----------------899.59
जैसलमेर---------280-----------------635.66
खैरथल-तिजारा--150-----------------293.89
कोटा--------------1923--------------3827.07
बूंदी----------------2044-------------4218.46
बाड़मेर------------2099--------------4073.96
सलूंबर-------------357----------------729.39
जालौर-------------2577---------------5175.91
हनुमानगढ़--------495-----------------1155.70
धौलपुर------------1146----------------2263.35
बालोतरा----------655------------------1358.32
अलवर------------609------------------1252.95
करौली------------1263----------------2448.27
बांसवाड़ा----------505-----------------1169.58
भीलवाड़ा----------379-----------------863.31
झालावाड़----------1843---------------3497.87
झुंझुनूं--------------62-------------------175.39
अजमेर-------------1312---------------2574.30
डीडवाना-कुचामन-1101---------------2574.30
फलौदी-------------494-----------------1128.51
कोटपूतली-बहरोड़-495-----------------844.44
बारां-----------------1227---------------2542.05
पाली----------------543-----------------1121.83
बीकानेर------------811------------------1979.92
डीग-----------------278-----------------503.76
जयपुर--------------3375----------------6099.99
जोधपुर-------------2119-----------------4209.50
श्रीगंगानगर---------570-------------------1170.23
चित्तौड़गढ़---------920--------------------2054.07
ब्यावर-------------668---------------------1248.16
उदयपुर-----------2149--------------------3991.41

प्रदेश में बाढ़ और अतिवृष्टि से सबसे कम नुकसान झुंझुनूं जिले में हुआ, जहां मात्र 62 कार्यों के लिए 175 लाख रुपए के सुधार कार्य हो रहे हैं. जयपुर और उदयपुर जिले में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. आपदा प्रबंधन के तहत 16 अक्टूबर तक नुकसान का आंकलन किया जा चुका है. देखने वाली बात यह रहेगी कि जो सुधार कार्य किए जा रहे हैं. वह अगले मानसून में फिर से मरम्मत नहीं मांगें. क्योंकि कई जिलों में कुछ संपत्तियां हर साल खराब होती हैं और पैसा भी उठाया जाता है.