जयपुर: गांधी नगर में ओल्ड एमआरईसी में 8700 और उससे ज्यादा के ग्रेड के अफसरों के लिए योजना पर भजनलाल सरकार ने काम तो शुरू कर दिया है,लेकिन अभी इसे लेकर ठोस कार्यवाही सामने नहीं आई. अभी तक के रवैये से यह दिख रहा है कि सरकार इस प्रकरण को लेकर अभी भी पसोपेश में है.
ओल्ड MREC कैम्पस फिर चर्चाओं के केन्द्र में है. ओल्ड एमआरईसी में 6 ब्लॉक्स में बनने वाले 298 फ्लैट्स का प्रकरण पिछली सरकार में अधर में लटकने के बाद भजनलाल सरकार में इसे लेकर फिर प्रकरण आगे बढ़ा है.
क्या हुआ अब तक ?
मुख्य तौर पर E ब्लॉक के 26 आवंटियों को अपना आवास खाली करने के लिए कहा गया है.
इन आवंटियों को दूसरी जगह आवास आवंटन किया गया है.
इन नए आवंटित आवास पर हालांकि कई तरह की समस्या होने से वे लोग अभी वहां रहने जाना नहीं चाहते.
ऐसे में वे जीएडी से बार-बार राहत की गुहार कर रहे हैं.
शिफ्ट होने का और समय देने की उनकी मांग है.
क्या है जीएडी की मंशा ?
अभी तक जीएडी ने उन्हें जल्द से जल्द आवास खाली करने के लिए कहा है और समय नहीं देने की बात कही है.
इसके बावजूद सबसे बड़ा मसला इन आवंटियों से मकान खाली कराने का है जिसके लिए अभी तक ठोस कार्यवाही नहीं हुई है.
जीएडी यह चाहती है कि बिना जोर-जबर्दस्ती के ये आवास अपने आप खाली कर दिए जाएं जिसके बाद जरूरी प्लान अमल में लाया जा सके.
क्या है समस्या ?
सरकारी कर्मियों को आवास मिलना है मुहाल
खास तौर पर सरकारी कर्मियों और अधिकारियों की श्रेणी के हिसाब से उपयुक्त आवास मिलना खासी चुनौती है.
सौ से 500 तक की रहती है अक्सर वेटिंग
क्या है योजना ?
8700 व उससे ज्यादा की ग्रेड वाले अफसरों के लिए थी योजना
ओल्ड एमआरईसी के 39 आवास तोड़कर फ्लेट्स बनाने की थी योजना
18 सितंबर 2017 को तत्कालीन सीएस की बैठक में हुआ था फैसला
6 ब्लॉक्स में बनने थे 298 फ्लैट्स
2200-2500 स्कवायर फीट का था टाइप वन श्रेणी का क्षेत्र
राज्य सरकार और NBCC को मिलाकर REDCC एजेंसी बनाई थी
पूर्व सरकार ने फ्लेट निर्माण का एग्रीमेंट किया था.
दो ब्लॉक्स या 2 टॉवर्स का REDCC को करना था बेचान
उसका व्यावसायिक उपयोग करना था सुनिश्चित
39 आवास तोड़कर 250-298 फ्लैट होने थे तैयार
इसके जरिये आईएएस,आरएएस और डॉक्टर्स और उनके ही समकक्ष ग्रेड पे वाले अफसरों की आवास समस्या दूर होनी है.
फैक्ट फाइल ?
-दरअसल जिस भूमि पर फ्लेट्स बनना प्रस्तावित किया गया उसका लेंड टाइटल क्लियर नहीं था. ऐसे में तत्कालीन सीएस ने पहले लेंड टाइटल यानि मिल्कियत के विवाद को दूर करने के निर्देश दिए.
-18 सितंबर 2017 की बैठक में निर्णय हुआ कि MREC ओल्ड कैम्पस में जिस जमीन पर बड़े साहबों के लिए करीब 298 फ्लैट्स बनने हैं उस जमीन का पहले टाइटल क्लियर कराकर सरकार को अपने कब्जे में लेना होगा.
-इसके तहत जेडीए अब कमेटी बनाकर पहले लैण्ड टाइटल के मुद्दे को दूर करने को कहा था.
-दरअसल इस पूरी जमीन का टाइटल तो MREC के नाम पर था लेकिन जिस क्षेत्र विशेष में फ्लैट्स बनना प्रस्तावित है उसका लैण्ड टाइटल अलग से नहीं था.
-इस लेण्ड टाइटल क्लियर कराने में 1 वर्ष से ज्यादा समय लग गया...यह मसला अगस्त 2018 के बाद हल हुआ और आखिरकार जब लेंड टाइटल क्लियर हुआ और प्रक्रिया आगे बढ़ाई गई तो यह संकट सामने आया.
-18 आवास पहले से ही खाली पाए गए.
-फिर कुछ अधिकारियों के अनुरोध पर ओल्ड एमआरईसी में आगे की कार्यवाही रोक दी गई.
-इसके बाद भजनलाल सरकार में फिर इस प्रस्ताव पर विचार हुआ और प्रक्रिया शुरू हुई.
पूर्व में इसे लेकर 1 वरिष्ठ अधिकारी ने भी आपत्ति की थी. उनका आवास अभी भी दायरे में आ रहा है.