जयपुरः सड़क पर चलने का पहला अधिकार पदयात्री का है, इस कथन को पूरी तरह हकीकत में बदलने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र व राज्य सरकारों को आदेश दिए हैं. प्रदेश की भजनलाल सरकार ने भी मामले को गंभीरता से लेते हुए सभी निकायों को इस बारे में आवश्यक कदम उठाने की हिदायत दी है. आखिर किस तरह सड़क पर पदयात्री की आवाजाही सुरक्षित और सुगम होगी?
शहरों में अधिकतर सड़कों पर पैदल चलने वाले के लिए पर्याप्त स्थान उपलब्ध नहीं हैं. कहीं फुटपाथ बनाए भी गए हैं तो वहां अतिक्रमण है और अगर अतिक्रमण नहीं हैं तो फुटपाथ पर बिजली या टेलीफोन के बॉक्स लगे हुए हैं या फिर उन पर वाहनों की पार्किंग है. इसी मामले को लेकर एस राजशेखरन बनाम भारत संघ व अन्य प्रकरण के प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट ने सड़क पर पैदल चलने वाले राहगीर की राह को सुगम और आसान बनाने के विस्तृत आदेश दिए हैं. सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश को गंभीरता से लेते हुए इसकी पालना के लिए राज्य सरकार ने सभी निकायों को निर्देश जारी किए हैं. ये निर्देश उन सड़कों पर आवश्यक रूप से लागू होंगे,जिनका नया निर्माण किया जाएगा और जिनका पुनर्निर्माण,सुधार या सुदृढ़ीकरण किया जाना है. आपको बताते हैं कि इन निर्देशों के तहत प्रदेश भर के निकायों को क्या आवश्यक कदम उठाने होंगे-
-जिन सड़कों की पर्याप्त चौड़ाई उपलब्ध हो,वहां फुटपाथों का निर्माण इंडियन रोड कांग्रेस के मानकों के तहत किया जाए
-नई सड़कों के निर्माण की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) में फुटपाथ का प्रावधान रखा जाए
-फुटपाथ का डिजाइन इस तरह रखा जाए कि सभी लोग विशेषकर दिव्यांगजन, वरिष्ठ नागरिक,महिलाएं
-और बच्चे सुरक्षित,बाधा रहित और सुगम तरीके से फुटपाथ का उपयोग कर सकें
-आवासीय क्षेत्रों में फुटपाथ की न्यूनतम चौड़ाई 1.5 मीटर तथा व्यावसायिक एवं उच्च आवागमन वाले क्षेत्रों में ढाई से तीन मीटर रखी जाए
-फुटपाथ के सभी प्रवेश बिंदुओं पर रैम्प बनाए जाए
-दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम के तहत फुटपाथ पर टैक्टाइल टाइल्स, कर्ब ड्रॉप, ब्रेल एवं हाई कॉन्ट्रास्ट संकेत पट्ट और बेंच की व्यवस्था की जाए
-फुटपाथ के किनारे मध्यम ऊंचाई वाले छायादार वृक्षों के पौधे लगाए जाएं
-सभी प्रकार की यूटिलिटी,बिजली,पेयजल व टेलीफोन केबल को फुटपाथ के नीचे डक्ट या केबल ट्रे के माध्यम से व्यवस्थित किया जाए
-फुटपाथों को ठेले,अस्थायी दुकानों,निर्माण सामग्री,वाहनों की पार्किंग या किसी भी प्रकार के अतिक्रमण से मुक्त रखा जाए
-फुटपाथ को अतिक्रमण मुक्त रखने के लिए नियमित निरीक्षण किया जाएगा
-आवपश्यकतानुसार चेतावनी बोर्ड और चालान की प्रभावी कार्यवाही की जाए
-इस बारे में की गई कार्यवाही का समस्त ब्यौरा निकायों की ओर से अपनी वेबसाइट पर अपलोड किया जाए
फुटपाथ पर सुगम व सुरक्षित आवाजाही के अलावा राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना की प्रभावी मॉनिटरिंग और ट्रैफिक सिग्नल के लिहाज से भी निकायों को निर्देश जारी किए हैं-
-सभी निकायों के परिवहन बजट का न्यूनतम 20 प्रतिशत फुटपाथों,साइकिल ट्रैकों,ग्रीन कोरिडोर और
-नॉन मोटराइज्ड व्हीकल्स के जरूरी इंफ्रा स्ट्रक्चर पर खर्च किया जाए
-सभी सघन यातायात वाले चौराहों,स्कूलों, बस स्टॉप और व्यावसायिक क्षेत्रों में स्पष्ट रूप से जेब्रा क्रॉसिंग रखी जाए
-ट्रैफिक सिग्नल व्यवस्था का डिजाइन पैदल यात्रियों की आवश्यकता के अनुरूप होना चाहिए
-इसके लिए पैदल यात्री संकेत की सुविधा और जेब्रा क्रॉसिंग का पर्याप्त समय रखने की व्यवस्था की जाए
-सभी ट्रांसफार्मर,पोल,पैनल बॉक्स जंक्शन बॉक्स आदि फुटपाथ के फर्नीचर जोन में ही लगाए जाएं
-फुटपाथ पर सार्वजनिक प्रकाश की समुचित व्यवस्था की जाए
-राज्य सरकार ने निकायों को सख्त हिदायत दी है कि इन निर्देशों को लागू करने के लिए समयबद्ध कार्य योजना बनाई जाए
-कार्य योजना में नियमित निगरानी,सामुदायिक सहभागिता और उत्तरदायित्व निर्धारण का विशेष ध्यान रखा जाए