जयपुर: पेड़-पौधे पर्यावरण के साथ-साथ मानव जीवन पर भी प्रभाव डालते हैं. उसी तरह, जैसे हर ग्रह और राशि अपने गुण-दोषों के कारण मानव जीवन को प्रभावित करते हैं. यूं तो पौधे सभी रूपों में मानव के लिए लाभदायक हैं, पर राशि और ग्रह को ध्यान में रखकर पौधे लगाने से मानव को काफी सफलता मिलती है. आदि काल से ही मनुष्य के जन्म से मरण तक के अनुष्ठानों में पेड़-पौधों की विशेष भूमिका रही है. पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि प्रत्येक व्यक्ति का जन्म किसी न किसी राशि के नक्षत्र में ही होता है.
प्रत्येक ग्रह, राशि और नक्षत्र का एक प्रतिनिधि वृक्ष होता है. यहां नक्षत्र, ग्रह और राशियों के वृक्ष को जानकर आप अपने घर के आसपास उचित स्थान पर लगाएंगे तो आपको इसका लाभ मिलेगा. इन पौधों के विकसित होने पर आपके ग्रह नक्षत्र सही हो जाएंगे. राशि के अनुसार पेड़ लगाने से न केवल वह ग्रह शांत होता है, बल्कि जैसे-जैसे पौधा बढ़ता है, व्यक्ति को उतना ही अधिक उसका लाभ मिलता है. वह सफलता के सोपान चढ़ने लगता है. राशि व ग्रह के अनुसार पेड़ लगाने से उनके प्रभाव भी सकारात्मक पढ़ते हैं. इसके साथ ही सुख-समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है.
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि स्कंद पुराण में हर व्यक्ति को अपने जीवन में कम से कम साथ तरह के पौधे पीपल, नीम, बरगद, इमली, कैथा, बेल, आंवला और आम जरूर लगाने चाहिए. विकास की अंधी दौड़ में हमने सबसे ज्यादा बलि पेड़ों की दी है. कोविड काल में लोगों को इसका महत्व समझ में आया था. हमारे धर्मग्रंथों में पेड़ों को लगाने के साथ उनकी पूजा का भी विधान है. गुरु को बल देने के लिए केले, शनि के लिए पीपल की पूजा की जाती है. वट वृक्ष में तो ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवताओं का वास होता है. ग्रह के अनुसार भी पौधे रोपे जा सकते हैं. इसमें सूर्य ग्रह का अर्क, चंद्रमा को पलाश, मंगल का खैर, बुध का अपमार्ग, गुरु का पीपल, शुक्र का सफेद चंदन या गूलर, शनि का शमी, राहु का दुर्वा व केतु का कुश वृक्ष माना जाता है. इन पौधों को रोपने से ग्रह शांत होते हैं. जीवन में खुशहाली भी आती है.
लगा सकते हैं सप्तऋषि वन:
भविष्यवक्ता और कुंडली विश्लेषक डॉ अनीष व्यास ने बताया कि नक्षत्र समूह में प्रमुख सात भारतीय ऋषि कश्यप, अत्रि, भारद्वाज, जमदग्नि, विश्वामित्र, वशिष्ठ और गौतम से संबंधित पौधों से मिलकर सप्तऋषि वन बनते हैं. ये पौधे तुलसी, अगस्त्य, चिडचिडा, दूब, बेल, शमी और धतूरा हैं.
नवग्रह वाटिका भी करती है कमाल:
भविष्यवक्ता और कुंडली विश्लेषक डॉ अनीष व्यास ने बताया कि सूर्य ग्रह के लिए मदार (आक), सोम के लिए पलाश (ढाक), मंगल के लिए खैर, बुध के लिए अपामार्ग (लटजीरा), गुरु के लिए पीपल, शुक्र के लिए गूलर, शनि के लिए शमी, राहु के लिए दूब और केतु के लिए कुश निर्धारित है. नवग्रह वाटिका भी कमाल करती है.
पेड़ काटने से आती है जीवन में परेशानी:
पेड़ काटने से जीवन में कई प्रकार की परेशानी आती है. ग्रह बाधा भी शुरू हो जाती है. इसलिए कभी भी हरे भरे पेड़ों को नहीं काटना चाहिए. पेड़ काटने वाले लोग अमूमन परेशान ही नजर आते हैं.
भविष्यवक्ता और कुंडली विश्लेषक डॉ अनीष व्यास से जानते हैं राशि अनुसार पेड़ - पौधे
मेष राशि - आंवला, कुचला, गूलर
वृषभ राशि - जामुन, यखैर, गूलर
मिथुन राशि - खैर, शीशम, बांस और अपामार्ग
कर्क राशि - बांस, पीपल, नागकेसर
सिंह राशि - पिलखन, पलाश, बरगद
कन्या राशि - बेल, पिलखन, जूही
तुला राशि - बेल, अर्जुन, नागकेसर
वृश्चिक राशि - सेमल, साल, नागकेसर
धनु राशि - साल, कटहल, रोतांग, पाम
मकर राशि - कटहल, नदीर, शमी
कुंभ राशि - कदंब, आम, शमी
मीन राशि - नीम, आम, महुआ
यह पौधे सभी राशियों के लिए शुभ:
नागचंपा, अशोक, जूही, अर्जुन, नारियल आदि के पौधे या पेड़ लगाना सभी राशियों के लिए शुभ माना जाता है.
भविष्यवक्ता और कुंडली विश्लेषक डॉ अनीष व्यास से जानते हैं ग्रहों के अनुसार पेड़ - पौधे
सूर्य : मदार का पेड़.
चंद्र : पलाश या पोस्त का पेड़.
मंगल : नीम, ढाक या खैर का पेड़.
बुध : अपामार्ग का पेड़, केला या चौड़े पत्ते के पौधे.
गुरु : पारस पीपल, पीपल या केले का पेड़.
शुक्र : मूलर का पेड़, कपास का पौधा और बेलदार पौधे जैसे मनी प्लांट
शनि : शमी का पेड़, कीकर, आक, खजूर भी है.
राहु : दूर्वा घास, नारियल का पेड़ या चंदन का पेड़.
केतु : कुशा का पेड़, इमली का पेड़, तिल के पौधे और केले के पेड़.
भविष्यवक्ता और कुंडली विश्लेषक डॉ अनीष व्यास से जानते हैं नक्षत्र अनुसार पेड़ - पौधे
1. अश्विनी के लिए कोचिला
2. भरणी के लिए आंवला
3. कृतिका के लिए गुलहड़
4. रोहिणी के लिए जामुन
5. मृगशिरा के लिए खैर
6. आर्दा के लिए शीशम
7. पुनर्वसु के लिए बांस
8. पुष्य के लिए पीपल
9. अश्लेषा के लिए नागकेसर
10. मधा के लिए बट
11. पूर्वा के लिए पलाश
12. उत्तरा के लिए पाकड़
13. हस्त के लिए रीठा
14. चित्रा के लिए बेल
15. स्वाती के लिए अर्जुन
16. विशाखा के लिए कटैया
17. अनुराधा के लिए भालसरी
18. ज्येष्ठा के लिए चीर
19. मूल के लिए शाल
20. पूर्वाषाढ़ के लिए अशोक
21. उत्तराषाढ़ के लिए कटहल
22. श्रवण के लिए अकौन
23. धनिष्ठा के लिए शमी
24. शतभिषा के लिए कदम्ब
25. पूर्वाभाद्रपद के लिए आम
26. उत्तराभाद्रपद के लिए नीम
27. रेवती नक्षत्र के लिए महुआ पेड़