जयपुर: परिवहन विभाग ने फर्जीवाड़े को रोकने और पंजीकरण प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए कठोर निर्देश जारी किए हैं. अब से वाहन पंजीकरण स्वीकृति के लिए केवल विधिवत पंजीकृत किरायानामा को ही मान्यता दी जाएगी. जो सब रजिस्ट्रार कार्यालय से जारी किया जाएगा.
इस निर्णय से फर्जी किरायानामों पर आधारित रजिस्ट्रेशन की संभावना बहुत कम होगी और रिकॉर्ड की विश्वसनीयता बढ़ेगी. बल्कि दलालों व बिचौलियों की आपराधिक गतिविधियों पर भी प्रभावी अंकुश लगेगा. विभाग ने यह भी कहा कि फर्जी पंजीकरण केवल प्रशासनिक समस्या नहीं है. ऐसे वाहनों का दुरुपयोग चोरी, अवैध गतिविधियों, तस्करी या अपराधों तक में भी किया जा सकता है, जो राष्ट्रीय और सार्वजनिक सुरक्षा के लिए जोखिम पैदा करता है. फर्जी रजिस्ट्रेशन के मामलों में बेतहाशा बढ़ोतरी हो रही.
हालही आरटीओ को मिली शिकायतों में जब जांच की गई तो सामने आया कि वाहनों के फर्जी पंजीकरण के मामलों में बेतहाशा बढ़ोतरी हो रही है, जो न केवल नियमों का उल्लंघन कर रही है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा साबित हो सकती है. जांच में यह सामने आया है कि वाहन डीलर और दलाल फर्जी पतों पर वाहनों का पंजीकरण करवा रहे हैं, जिससे इन वाहनों की असली पहचान को छिपाया जा रहा है. फर्जी पंजीकरण के इस गिरोह में पुराने वाहन डीलर और दलाल शामिल हैं, जो एक निश्चित रकम के बदले वाहनों का पंजीकरण फर्जी पते पर करवाते हैं. इस प्रक्रिया में वे फर्जी किरायानामा, आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों का इस्तेमाल करते हैं. जिससे वाहनों के चालान और आपराधिक गतिविधियों में लिप्त होने पर भी उन पर कार्रवाई नहीं हो पाती है. यहां तक कि दिल्ली-एनसीआर तक से आने वाले वाहनों का रजिस्ट्रेशन प्रदेश में फर्जी पत्ते पर किया जा रहा है.
जिससे कई बार ये वाहन कानून-व्यवस्था से बचकर अपनी असली पहचान को छिपाने में सफल हो जाते हैं. फर्जी पते पर वाहनों का पंजीकरण होने के बाद, ये वाहन चोरी, अवैध गतिविधियों और यहां तक कि अपराधों में इस्तेमाल हो सकते हैं. इस प्रकार के वाहनों का इस्तेमाल अपराधियों द्वारा भी किया जा सकता है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा हो सकता है.
नए नियम से अब बदलेगा?
-अब केवल पंजीकृत किरायानामा को ही निवास प्रमाण-पत्र के रूप में स्वीकार किया जाएगा.
-किरायेदार और मकान मालिक को किरायानामा सब रजिस्ट्रार कार्यालय में जाकर दस्तावेज़ आधिकारिक रूप से रजिस्टर कराना होगा.
-कार्यालय में कागजात जमा करने की आवश्यकता समाप्त — सभी आवेदन सिटीजन पोर्टल पर ही कराए जाएंगे.
-किसी भी जिले के आरटीओ को अपंजीकृत या संदिग्ध किरायानामा स्वीकार न करने के कड़े निर्देश दिए गए हैं.
फर्जी किरायानामों पर आधारित पंजीकरण की संभावना होगी खत्म
इस निर्णय से फर्जी किरायानामों पर आधारित रजिस्ट्रेशन की संभावना बहुत कम होगी और रिकॉर्ड की विश्वसनीयता बढ़ेगी. बल्कि दलालों व बिचौलियों की आपराधिक गतिविधियों पर भी प्रभावी अंकुश लगेगा. विभाग ने यह भी कहा कि फर्जी पंजीकरण केवल प्रशासनिक समस्या नहीं है. ऐसे वाहनों का दुरुपयोग चोरी, अवैध गतिविधियों, तस्करी या अपराधों तक में भी किया जा सकता है, जो राष्ट्रीय और सार्वजनिक सुरक्षा के लिए जोखिम पैदा करता है. परिवहन विभाग ने सभी जिला परिवहन अधिकारियों और आरटीओ कार्यालयों को इस आदेश की पूर्ण पालना तय करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही, अधिकृत वाहन डीलरों को भी इस बात की जानकारी देकर पूर्ण सहयोग करने को कहा गया है. अब से विभागीय स्तर पर अपंजीकृत किरायानामा पर कोई भी आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा, जिससे प्रक्रिया और अधिक कड़ी होगी.