जयपुरः प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं को लेकर सीएस वी श्रीनिवास गंभीर हैं. उन्होंने इसे लेकर पहले SMS अस्पताल ट्रॉमा सेंटर का दौरा किया और अब विस्तृत रिपोर्ट तैयार करके SC और HC के दिशानिर्देशों की पालना सुनिश्चित करने के 10 विभागों और 1 समिति को निर्देश दिए हैं.
सीएस वी श्रीनिवास के सड़क सुरक्षा को लेकर अमल में लाए जाने वाले प्रावधानों को लेकर परिपत्र को परिवहन भवन ने जारी किया है. इसमें ये दिशानिर्देश दिए गए हैं-
राज्य में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए ये निर्देश दिये गए हैं:-
जिला सड़क सुरक्षा समितियों के लिए निर्देश
जिले में घटित सड़क दुर्घटनाओं और उनसे होने वाली मृत्युदर में कमी लाने के लिये कुछ बिन्दुओं के आधार पर जिले की मासिक कार्य योजना तत्काल तैयार की जाकर हितधारक विभागों और जिला प्रशासन के माध्यम से अविलंब प्रभावी क्रियान्वयन शुरू किया जाए-
कलेन्डर वर्ष 2025 में अब तक माहवार घटित सड़क दुर्घटनाओं और मृत्यों की संख्या और अगले वर्ष में माहवार सड़क दुर्घटनाओं / मृत्युदर में कितनी कमी लायी जानी है. इस लक्ष्य निर्धारण के साथ कार्य योजना का निर्माण किया जाए.
2. eDAR एप के आधार पर जिले में सड़क दुर्घटना के कारणों का गहन विश्लेषण कर अधिक दुर्घटना वाले राजमार्गों / स्थानों का चिन्हीकरण और इसकी सूची तैयार कर उनका संयुक्त सर्वेक्षण तथा आवश्यकतानुसार इंजीनियरिंग सुधार किया जाए.
3. सारे जिलों और विशेष रूप से दुर्घटना संभावित स्थलों के आस-पास गति नियंत्रण उपाय, IRC मानकों के अनुरूप रोड फर्नीचर इत्यादि की उपलब्धता सुनिश्चित किया जाए.
4. सड़क दुर्घटना आंकड़ों के विश्लेषण के आधार पर दुर्घटना संभावित स्थलों, राजमार्गों पर हाई-रिस्क, हाई-कैपेसिटी कॉरिडोरों और ब्लैकस्पॉट चिन्हित कर interceptor, 3. पुलिस वाहनों की तैनाती एवं ambulances की पोजिशनिंग की जाए.
5. गंभीर सड़क दुर्घटना और उसके पीड़ित व्यक्ति को तत्काल एवं उचित उपचार हेतु गोल्डन ऑवर के महत्व को दृष्टिगत रखते हुये प्रभावी क्रियान्वयन किया जाए.
6. दुर्घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी गश्त की सुनियोजित एवं प्रभावी कार्य योजना का निर्माण कर क्रियान्वयन किया जाए.
पुलिस विभाग को यह करना होगा :-
• विशेष अभियान
1. सारी सड़क दुर्घटनाओं की eDAR App पर समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण शत प्रतिशत प्रविष्ठियां कराया जाना सुनिश्चित किया जावे तथा नियमित मॉनिटरिंग करनी है.
2. मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के प्रावधानों के उल्लंघन, विशेष रूप से तेज गति / ओवरलोडिंग ऑफ गुड्स / पैसेंजर, बिना हेलमेट / बिना सीट बेल्ट / बिना लाईसेंस / बिना फिटनेस / बिना परमिट / शराब पीकर वाहन चलाना / खतरनाक तरीके से वाहन चलाना / वाहन चलाते समय मोबाईल का उपयोग / नाबालिगों के वाहन चलाने / बिना रिफ्लेक्टर / बिना लाईसेंस वाहन चालन आदि के विरूद्ध निरंतर प्रभावी कार्यवाही तथा लाईसेंस निलम्बन / निरस्तीकरण और अभियोजन की कार्यवाही अनिवार्यतः सुनिश्चित करनी है.
3. सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सारे जिला सड़कों पर दुर्घटना संभावित प्रवेश और निकास बिंदुओं, जंक्शनों, मोड़ो, घुमावदार मोड़ो आदि का चिन्हीकरण कर जिला प्रशासन और सड़क संबंधी विभागों के समन्वय से तत्काल हटाई जानी है.
1. सड़क संबंधी विभागों से समन्वय स्थापित कर 6 या 6 से अधिक लेन वाले सभी राजमार्गों पर लेन ड्राइविंग सिस्टम के अनुसार वाहनों का संचालन किया जाना सुनिश्चित करनी है.
2. शीत ऋतु में कोहरे के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाना है.
जनजागरूकता, रिफ्लेक्टिव वार्निंग बोर्ड्स, फॉग लाईट्स, रिफ्लेक्टिव टेप आदि का उपयोग सुनिश्चित कराना है.
3. आबकारी विभाग के तालमेल से राजमार्गों पर अवैध शराब की दुकानें / कन्टेनर /बोर्ड इत्यादि तत्काल हटवाना है.
4. सड़क दुर्घटना स्थलों के पास आई.टी.एम.एस. / इंटरसेप्टर की पोजिशनिंग कराकर प्रवर्तन कार्यवाही सुनिश्चित करनी है.
5. हिट एंड रन प्रकरणों हेतु पूर्व में दिनांक 16.05.2025 को जारी एसओपी के अनुसार प्रकरणों के समयबद्ध निस्तारण की कार्यवाही सुनिश्चित करनी है.
2 परिवहन व सड़क सुरक्षा विभाग
1. मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के प्रावधानों के उल्लंघन, विशेष रूप से ओवर लोडिंग/ ओवर प्रोजेक्शन / फिटनेस उल्लंघन/भार वाहनों में यात्री परिवहन/बस बॉडी कोड की अवहेलना / निर्धारित मानकों के रिफ्लेक्टिव टेप / अंडर रन प्रोटेक्शन डिवाइस का अभाव बसों के ऊपर सामान का अवैध रूप से परिवहन/यात्री वाहनों में ओवर क्राउडिंग / नाबालिगों द्वारा वाहन संचालन/बिना वैध लाइसेंस वाहन संचालन / बिना नम्बर प्लेट वाहन संचालन इत्यादि के विरूद्ध निरंतर प्रभावी कार्यवाही करवानी है.
2. उल्लंघनकर्ताओं के वाहन के पंजीयन प्रमाण-पत्र, परमिट एवं ड्राइविंग लाईसेंस निलम्बन/निरस्तीकरण की नियमानुसार शत-प्रतिशत कार्यवाही करवानी है.
3. पुलिस विभाग e-DAR पर अग्रेषित प्रकरणों की समयबद्ध एवं सटीक प्रविष्टि सुनिश्चित करेगा.
4. आमजन में व्यापक सड़क सुरक्षा जन-जागरूकता और प्रशिक्षण कार्यक्रम होंगे.
चिकित्सा स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग
1. ट्रॉमा सेन्टर्स पर तय मानकों के अनुसार उपकरणों और मानव संसाधन उपलब्ध करवाया जाना सुनिश्चित करना है.
2. राजमार्गों के पास रहने वाले आमजन / पुलिसकर्मियों / टोल प्लाजा कर्मियों को फर्स्ट रेस्पोन्डर्स के रूप में आवश्यक प्रशिक्षण दिया जाना है.
3. दुर्घटना के तुरन्त बाद गोल्डन आवर में घायल व्यक्तियों को पहुँचने वाले रेस्क्यू टाइम को कम करना है.
4. सारी एम्बूलेंसों को राज्य सरकार की 108 एम्बूलेंस सेवा से एकीकृत किये जाने के लिए जरूरी SOP तैयार करनी है.
5. सभी राजकीय चिकित्सालयों और दूरस्थ पर पंजीकृत एवं सड़क दुर्घटना पीड़ितों का इलाज सुनिश्चित किया जाकर पुलिस विभाग से आवश्यक समन्वय स्थापित कराना है.
6. राजमार्गों पर 24x7 एम्बूलेंसों की उपलब्धता करायी जाये. इस हेतु eDAR data के अनुसार ब्लैक स्पॉट्स एवं दुर्घटना संभावित स्थानों पर पर्याप्त एम्बूलेंसों की repositioning सुनिश्चित करवानी है. साथ ही एम्बूलेंसों में प्रशिक्षित कार्मिक, उपकरण और आवश्यक दवाईयां भी उपलब्ध करवाना है.
7. सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्तियों की सहायता कर अस्पताल पहुँचाने वाले गुड सेमेरिटन के लिए सम्मान स्वरूप राज्य स्तर पर राष्ट्रीय स्तर की Cashless Treatment Scheme सहित अन्य तरह राज्य सरकार की अन्य सड़क सुरक्षा संबंधी योजनाओं के अनुसार लाभान्वित किया जाना है.
8. राजमार्गों और अन्य मार्गों पर त्वरित परिवहन एवं सड़क संबंधी विभागों से समन्वय स्थापित कर सड़क मरम्मत का कार्य और मेडिकल परीक्षण करवाये जाने हेतु नियमानुसार कार्य विधि आधारित करवाना है.
सड़क संबंधी विभाग (सार्वजनिक निर्माण विभाग, PWD-NH,RSRDC, RIDCOR, NHAI, MoRTH etc)
1. eDAR App का उपयोग करते हुए ब्लैक स्पॉट्स / वल्नरेबल स्पॉट्स का नियमित ऑडिट एवं आवश्यक सुधार / मरम्मत का कार्य सुनिश्चित करना है.
2. पुलिस विभाग द्वारा e-DAR पर अग्रेषित प्रकरणों की समयबद्ध और सटीक प्रविष्टि सुनिश्चित करनी है.
3. नवीन सड़क निर्माण और पूर्व निर्मित सड़कों पर नियमानुसार सड़क सुरक्षा ऑडिट और आवश्यक सुधारात्मक कार्यवाही सुनिश्चित करनी है.
4. राजमार्गों पर दुर्घटना व उसके संभावित अन्य infrastructure को सही व दुरुस्त किया जाना सुनिश्चित किया जावें. आवश्यक हो तो उन intersections or black-S2 पर junctions का जिओ फेन्सिंग के प्रत्येक-11 में अंतराल से ट्रैन लीडर और इंटरसेक्शन सुधार के लिए आवश्यक कार्यवाही करनी है. साथ ही सड़क सुरक्षा सुधार कार्यों में लेन मार्किंग, रम्बल स्ट्रिप, रोड साइन बोर्ड इत्यादि की व्यवस्था सुनिश्चित करनी है.
5. राजमार्गों पर अतिक्रमण हटाकर नियमित रख-रखाव करना है.
सड़क संबंधी विभाग (सार्वजनिक निर्माण विभाग, PWD-NH, RSH NHAI, MORTH etc)
1. eDAR App का उपयोग करते हुए ब्लैक स्पॉट्स / वल्नरेबल चिन्हीकरण एवं समयबद्ध सुधारीकरण का कार्य सुनिश्चित करना है.
2. पुलिस विभाग की ओर से e-DAR पर अग्रेषित प्रकरणों की समयबद्धता सुनिश्चित करनी है.
3. नवीन सड़क निर्माण और पूर्व निर्मित सड़कों पर नियमानुसार और समयबद्ध सुधारात्मक कार्यवाही सुनिश्चित करनी है.
4. राजमार्गों / सड़कों व उससे संबंधित अन्य infrastructure का किया जाना सुनिश्चित किया जाना है. (उदाहरण के तौर पर एनएच-52 पर एनएच का जो हिस्सा जयपुर के एक्सप्रेस-वे के अंतर्गत बाईपास तक जाता है, जो काफी घनी आबादी का शहरी क्षेत्र है, वहां मुख्य मार्ग व सर्विस लेन में स्पष्ट demarcation, रेलिंग इत्यादि, सड़क के बीच कच्ची नाली, सीमेंट के स्लेब से ढकी हुई एवं कई यातायात संबंधी साइनेज नहीं है अथवा खराब स्थिति में है, जिसके कारण बना हुआ है.)
5. निर्धारित मानकों के अनुरूप सड़क की सतह, शोल्डर, रोड साईड सीमा बोर्ड, स्कूल निर्माण क्षेत्र सुरक्षा, संवेदनशील क्षेत्रों के लिए व्यवस्था, पेचवर्क, सर्विस रोड, पुलिया, ड्रेन, फुटपाथ इत्यादि सुनिश्चित कराया जाना है.
6. पदयात्रियों और अन्य असुरक्षित सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए फुटपाथ, पद यात्री क्रॉसिंग, रोड फर्नीचर, स्ट्रीट लाइट इत्यादि (IRC 103: 2022 - Guidelines for Pedestrian Safety में वर्णित) इत्यादि हेतु सर्वे कराकर समयबद्ध सुधारात्मक कार्यवाही होनी है.
सड़क संबंधी विभाग - शहरी क्षेत्र (UDH, LSG)
पुराना एवं खराब प्रमाणां पत्रों पर लगे रिफ्लेक्टर/रिफ्लेक्टिव पेंट लगवाना सुनिश्चित करना है.
1. निर्धारित मानकों के अनुरूप सड़क की सतह, शोल्डर, रोड मार्किंग, संकेतक, गति सीमा बोर्ड, स्कूल निर्माण क्षेत्र सुरक्षा, संवेदनशील क्षेत्रों के पास गति सीमा, प्रकाश व्यवस्था, सर्विस रोड, ड्रेन, फुटपाथ का रख-रखाव सुनिश्चित करना है.
2. नवीन सड़क निर्माण और पूर्व निर्मित सड़कों पर नियमानुसार सड़क सुरक्षा ऑडिट और समयबद्ध सुधारात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जावे.
3. पैदल यात्रियों और अन्य असुरक्षित सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए सुगम और सुरक्षित फुटपाथ, पद यात्री क्रॉसिंग, रोड फर्नीचर, स्ट्रीट लाइट, ट्रेफिक लाइट इत्यादि की पर्याप्त व्यवस्था (IRC 103: 2022 Guidelines for Pedestrian Safety में वर्णित मानकों के अनुसार) सुनिश्चित करनी है.
3. सड़क तथा पदयात्री सुविधाओं से संबंधित समस्याओं के त्वरित निस्तारण के लिए Grievance Redressal System विकसित कराया जाना सुनिश्चित करना है.
इसी तरह शिक्षा व उच्च शिक्षा विभाग, ऊर्जा विभाग,श्रम विभाग,पंचायती राज विभाग,
विधि विभाग को भी दिशानिर्देशों की पालना सुनिश्चित करनी है.