जयपुर: भारत निर्वाचन आयोग ने निर्वाचन प्रक्रिया की अहम कड़ी बीएलओ और अन्य निर्वाचन कर्मियों का मानदेय बढ़ा दिया है. इसके तहत देश भर में बीएलओ का मानदेय दुगुना किया गया है. वहीं इस बार अब तक मानदेय से वंचित सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी-AERO और निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी -ERO को पहली बार मानदेय देने की घोषणा की है.
निर्वाचन से जुड़े कर्मियों का मानदेय 2015 में बढ़ा था जिसके बाद भारत निर्वाचन आयोग ने दस साल बाद अब मानदेय बढ़ाया है.
आइए जानते हैं कि किस कर्मी का कितना मानदेय बढ़ा
भारत निर्वाचन आयोग ने बीएलओ व मतदाता कर्मियों का मानदेय किया दोगुना, एईआरओ और ईआरओ को पहली बार मिला पारिश्रमिक
ERO और AERO को पहली बार मिला मानदेय:
अब तक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ERO) और सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (AERO) को उनके कार्य के लिए कोई मासिक मानदेय नहीं मिलता था. लेकिन आयोग के ताजा निर्णय के तहत:
AERO को ₹25,000 मानदेय मिलेगा.
ERO को ₹30,000 मानदेय दिया जाएगा.
बीएलओ का बढ़ा मानदेय:
अब तक BLO को प्रति माह ₹6,000 का मानदेय मिलता था, जिसे बढ़ाकर ₹12,000 कर दिया गया है. इसके अलावा, मतदाता सूची के पुनरीक्षण कार्य के लिए मिलने वाला प्रोत्साहन राशि (इंसेंटिव) भी ₹1,000 से बढ़ाकर ₹2,000 कर दिया गया है.
बीएलओ सुपरवाइजर को भी राहत:
बीएलओ सुपरवाइजर का मानदेय भी ₹12,000 से बढ़ाकर ₹18,000 कर दिया गया है. यह वे कर्मचारी होते हैं जो क्षेत्र में BLO के कार्य की निगरानी करते हैं और उच्च स्तर पर रिपोर्ट प्रस्तुत करते हैं.
क्या है इन पदों की भूमिका?
-BLO: बूथ स्तर पर मतदाता सूची के अपडेट, सत्यापन, और जागरूकता से जुड़े कार्यों में BLO की केंद्रीय भूमिका होती है.
-BLO सुपरवाइजर: BLO के कार्यों की निगरानी और समन्वय का कार्य करते हैं.
-AERO और ERO: मतदाता सूची तैयार करने, सुधारने और मतदाता पहचान पत्र जारी करने जैसे कार्यों का प्रशासनिक नियंत्रण संभालते हैं. votext out
चुनाव आयोग के इस कदम को चुनावी कार्यों की गुणवत्ता और कर्मचारियों की कार्यप्रेरणा बढ़ाने के दृष्टिकोण से अहम माना जा रहा है.