जयपुर: राजधानी जयपुर में सफाई व्यवस्था को लेकर बड़ा संकट खड़ा हो गया है. नगर निगम के वाल्मिकी सफाई कर्मचारी अपनी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर पिछले कई दिनों से आंदोलनरत हैं. 5 दिन से जारी अनशन के बाद आज से उन्होंने आमरण अनशन शुरू कर दिया है. कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे पीछे नहीं हटेंगे. वहीं नगर निगम प्रशासन ने वार्ता के लिए एक कमेटी बनाई थी, लेकिन वह वार्ता विफल रही. अब कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि 25 नवंबर तक कोई ठोस परिणाम नहीं निकलता है तो वे हड़ताल पर चले जाएंगे.
कर्मचारियों ने दी चेतावनी:
-सफाई कर्मचारियों की प्रमुख मांगों में नियमित भर्ती प्रक्रिया को शुरू करना शामिल
-वर्षों से वे अस्थायी रूप से काम कर रहे हैं, लेकिन स्थायी नियुक्ति नहीं दी जा रही
-वेतनमान,सुरक्षा उपकरण,काम के घंटे और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ देने जैसी मांगें भी
-कुल मिलाकर कर्मचारियों ने 11 सूत्रीय मांगें निगम प्रशासन से कई दौर की बातचीत लेकिन समाधान नहीं
नगर निगम ने कर्मचारियों के साथ बातचीत के लिए एक कमेटी बनाई थी. इस कमेटी ने कर्मचारियों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं, लेकिन कर्मचारियों का कहना है कि निगम प्रशासन केवल आश्वासन दे रहा है, ठोस कदम नहीं उठा रहा. यही कारण है कि वार्ता विफल रही और कर्मचारियों ने आमरण अनशन का रास्ता चुना.
कर्मचारियों ने साफ कहा है कि यदि 25 नवंबर तक उनकी मांगों पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया तो वे हड़ताल पर चले जाएंगे. हड़ताल का मतलब होगा कि शहर में कचरा उठाना बंद हो जाएगा. इससे न केवल आमजन को परेशानी होगी बल्कि नगर निगम की छवि पर भी सवाल उठेंगे.जयपुर नगर निगम के वाल्मिकी सफाई कर्मचारियों का आंदोलन अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है. आमरण अनशन से स्थिति गंभीर हो गई है. यदि प्रशासन ने जल्द समाधान नहीं निकाला तो 25 नवंबर से हड़ताल शुरू हो सकती है, जिसका असर पूरे शहर पर पड़ेगा.