सावधान .. कैमरा नजर में स्वच्छता ! जयपुर ग्रेटर नगर निगम का बड़ा कदम, देखिए खास रिपोर्ट

जयपुरः जयपुर नगर निगम ग्रेटर ने सफाई व्यवस्था को लेकर एक बड़ा कदम उठाया है. अब शहर की गलियों और मोहल्लों में सिर्फ झाड़ू नहीं चलेगी, बल्कि कैमरे और हूटर की पैनी नजर भी रहेगी. ग्रेटर नगर निगम ने तकनीक के सहारे सफाई व्यवस्था की निगरानी को और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया है. सार्वजनिक स्थानों पर लगे कैमरों की मदद से सफाई व्यवस्था पर नजर रखी जा रही है झोटवाड़ा में इस नई तकनीकी निगरानी का असर दिखने लगा है,जहां नियम तोड़ने वालों पर चालान की कार्रवाई भी शुरू हो चुकी है. ये पहल जयपुर को स्वच्छता की नई ऊंचाइयों तक ले जाने में असरदार साबित हो सकती है. 

कैमरे और हूटर से अब सफाई व्यवस्था की निगरानी
जल्द ही होगी हर कोने की सफाई पर डिजिटल नजर
फिलहाल झोटवाड़ा के एक वार्ड से शुरू किया गया ये नवाचार
नवाचार के पहले ही दिन कैमरे ने कैद किया दोषी व्यक्ति
दोषी व्यक्ति के खिलाफ निगम की टीम ने किया 3 हजार का चालान
सार्वजनिक स्थान पर कचरा फैंकने से पहले हूटर देता है चेतावनी
चेतावनी के बाद कचरा फैकने वाली की तस्वीर कैमरे से होती है कैद
उसके बाद संबधित व्यक्ति के खिलाफ निगम करता है कार्यवायी

राजस्थान की राजधानी जयपुर अब स्वच्छता के मामले में एक नई दिशा की ओर बढ़ रही है. नगर निगम ग्रेटर जयपुर ने सफाई व्यवस्था को सुदृढ़ और पारदर्शी बनाने के लिए तकनीक का सहारा लिया है. अब शहर के गार्बेज वल्नरेबल पॉइंट्स (GVPs) पर कैमरे और ऑटोमैटिक हूटर लगाए गए हैं, जो 24 घंटे निगरानी करते हैं. इस पहल का पहला असर झोटवाड़ा जोन में देखने को मिला, जहां खुले में कचरा डालने पर एक व्यक्ति को रंगे हाथ पकड़कर 3 हजार का चालान किया गया, नगर निगम ग्रेटर की आईटी सेल ने शहर के उन स्थलों की पहचान की है, जहां बार-बार कचरा फेंका जाता है. इन स्थलों को GVPs कहा जाता है. इन पॉइंट्स पर CCTV कैमरे और हूटर लगाए गए हैं. जैसे ही कोई व्यक्ति इन स्थानों पर कचरा डालने आता है, हूटर से चेतावनी दी जाती है:"कृपया कचरा यहाँ न डालें, अपना कचरा साथ लेकर जाएँ, अन्यथा चालानी कार्रवाई होगी."यदि व्यक्ति चेतावनी के बावजूद कचरा डालता है, तो कैमरे में उसकी गतिविधि रिकॉर्ड हो जाती है. इसके बाद नगर निगम की स्वच्छता टीम मौके पर पहुंचती है और नियमों के तहत चालान जारी करती है.

कैसे कैमरे और हूटर करता है कार्य
फिलहाल एक ही जगह लगाया गया है सिस्टम
कैमरे और हूटर की निगम मुख्यालय से हो रही निगरानी
आईटी सैल की टीम 24 घंटे कर रही इसकी निगरानी
जैसे ही कोई व्यक्ति फैकने आता है कचरा
आईटी सैल की ओऱ  से हूटर के जरिए दी जाती है चेतावनी
चेतावनी के बाद भी कैचरा फैकन पर कैमरा कैद करता है तस्वीर
उसके बाद आईटी सैल की ओर से संबधित जोन को दी जाती है इसकी सूचना
सूचना के बाद मौके पर पहुंच निगम की टीम करती है दोषी व्यक्ति पर कार्यवाही

कल झोटवाड़ा जोन के एक GVP पॉइंट पर एक व्यक्ति को खुले में कचरा डालते हुए कैमरे में कैद किया गया. हूटर से चेतावनी मिलने के बावजूद उसने कचरा वहीं फेंका. सूचना मिलते ही निगम की टीम मौके पर पहुंची और 3 हजार का चालान जारी किया गया. यह जयपुर में पहली बार हुआ जब कैमरा और हूटर आधारित निगरानी प्रणाली के जरिए चालान की कार्रवाई की गई. इससे यह स्पष्ट हो गया कि अब नगर निगम स्वच्छता के मामले में कोई समझौता नहीं करेगा. इस कार्रवाई के बाद झोटवाड़ा क्षेत्र में लोगों में एक नई जागरूकता देखने को मिली है. स्थानीय निवासी अब कचरा फेंकने से पहले सोचने लगे हैं. कई लोग निगम की अधिकृत कचरा गाड़ियों का इंतजार करते हैं और निर्धारित समय पर ही कचरा निकालते हैं.

जयपुर ग्रेटर नगर निगम सफाई व्यवस्था को लेकर एक नया अध्याय लिखने जा रहा है नगर निगम ग्रेटर के आयुक्त डॉ. गौरव सैनी के नेतृत्व में सफाई व्यवस्था को पारदर्शी और उत्तरदायी बनाने के लिए तकनीकी उपायों को अपनाया गया है. , “हमारा उद्देश्य केवल सफाई कराना नहीं, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि सफाई सही समय पर, सही तरीके से और पूरी पारदर्शिता के साथ हो. इसके लिए तकनीक का सहारा लिया जा रहा है.”आयुक्त गौरवी सैनी ने बताया कि स्वच्छता शहर के लिए हमारी पहली प्राथमिकता है जिसका साथ कोई भी समझोता नहीं किया जाएगा ये तकनीक उसी दिशा में एक बडा कदम है डॉ सैनी का मानना है कि “जयपुर को स्वच्छ और सुंदर बनाने में यह तकनीक अहम भूमिका निभाएगी इस प्रणाली की सबसे बड़ी विशेषता है पारदर्शिता. कैमरे से कैद फोटो और वीडियो चालानी प्रमाण के रूप में इस्तेमाल किए जाते हैं. इससे न केवल कार्रवाई में निष्पक्षता आती है, बल्कि नागरिकों को भी यह विश्वास होता है कि नियमों का पालन सभी पर समान रूप से लागू होता है. मैं सभी नागरिकों से अपील करती हूँ कि वे अपने घरों का कचरा केवल निगम की अधिकृत गाड़ियों में ही डालें और शहर को ‘ओपन डंपिंग फ्री’ बनाने में सहयोग करें”.

झोटवाड़ा में हुई चालानी कार्रवाई ने यह साबित कर दिया है कि तकनीक के सही उपयोग से प्रशासनिक व्यवस्था को पारदर्शी और प्रभावी बनाया जा सकता है. नगर निगम ग्रेटर जयपुर की यह पहल न केवल सफाई व्यवस्था को बेहतर बना रही है, बल्कि नागरिकों में जिम्मेदारी की भावना भी जगाएगी.