VIDEO: जैसलमेर की किस्मत की पटरी बदली, ‘स्वर्ण नगरी एक्सप्रेस’ ने थामा रफ्तार का हाथ, दिल्ली से सीधी कनेक्टिविटी ने सरहदी जिले को दी विकास की नई उड़ान

जयपुर : राजस्थान के सीमावर्ती जिलों के लिए आज का दिन इतिहास बनकर दर्ज हो गया. जैसलमेर से दिल्ली को जोड़ने वाली नई सुपरफास्ट स्वर्णनगरी एक्सप्रेस को आज हरी झंडी दिखा दी गई. और इसी मंच से एक ऐसा ऐलान हुआ जिसने आने वाले वर्षों में देश की सुरक्षा, सेना की लॉजिस्टिक्स और बॉर्डर जनजीवन को पूरी तरह बदल देने वाली दिशा तय कर दी. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पहली बार जैसलमेर के मंच से पूरी बॉर्डर बेल्ट को एक ही रेलवे नेटवर्क से जोड़ने की मास्टर प्लान की घोषणा कर दी. क्या होगी यह लाइन? कितना होगा इसका फायदा? और क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द जैसलमेर आकर इसका लोकार्पण करेंगे? 

जैसलमेर रेलवे स्टेशन पर सुबह से ही उत्साह अलग था. पूरे परिसर में रंग-बिरंगी पताकाएं लहरा रही थीं, रेलवे सुरक्षा बल सतर्क खड़ा था, और स्टेशन के नए सजे प्लेटफॉर्म यात्रियों के स्वागत के लिए दमक रहे थे. स्टेशन परिसर में सैकड़ों लोग जमा थे- स्थानीय नागरिक, व्यापारी, कारीगर, युवा, पर्यटन कारोबारी और सैनिक. उनके चेहरों पर सिर्फ एक ट्रेन का उत्साह नहीं, बल्कि एक बदलाव की उम्मीद साफ दिखाई दे रही थी. मंच पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और केंद्रीय संस्कृति व पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पहुंचे. पारंपरिक मारवाड़ी तरीके से स्वागत हुआ. लोक कलाकारों की धुनें माहौल को और ऐतिहासिक बना रही थीं. जैसे ही ट्रेन प्लेटफॉर्म पर आई, कैमरों की फ्लैश लाइटें चमक उठीं. वर्षों से जैसलमेर और दिल्ली के बीच सीधी, तेज और आधुनिक रेल सेवा की जो उम्मीद थी, आज वह सपना हकीकत बनकर सामने खड़ा था. सुबह की पहली किरण के साथ ही जैसलमेर रेलवे स्टेशन आज किसी त्योहार की तरह जग उठा. जैसे ही सूरज रेगिस्तान की सुनहरी रेत को छू रहा था, स्टेशन पर लोगों का उत्साह अपने चरम पर था. आज वो सब पूरे रंग में खिलकर सामने आ रहे थे.सच कहें तो, आज जैसलमेर सिर्फ एक ट्रेन का स्वागत नहीं कर रहा था- आज जैसलमेर अपनी ‘पुरानी मांग’, अपनी ‘परंपरागत पहचान’ और दिल्ली से सीधी जुड़ने वाले सपने को जश्न की तरह मना रहा था.और फिर ठीक 12 बजे के आसपास मंच पर दोनों केंद्रीय मंत्री पहुंचे तो माहौल तालीयों और नारों से गूंज उठा. लंबी मांग को पूरा करते हुए, रेल मंत्री ने मंच से घोषणा की “जैसलमेर को अब दिल्ली से तेज, सीधी, सुपरफास्ट कनेक्टिविटी मिलेगी.

जैसे ही हरी झंडी दिखाई गई, इंजन की सीटी और लोगों के जयकारे एक साथ गूंजे. मानो जैसलमेर का सपना आज पटरियों पर हकीकत बनकर दौड़ पड़ा हो. दरअसल यह मांग सालों से उठ रही थी- जैसलमेर के व्यापारियों की सुविधा, सेना की लॉजिस्टिक जरूरतें, बॉर्डर क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की यात्रा का समय, और सबसे बढ़कर टूरिज्म के लिए एक मजबूत लाइफलाइन की आवश्यकता.लंबे समय से यहां के लोग पूछते थे-“दिल्ली से सीधी तेज ट्रेन कब आएगी? आज उसी सवाल का जवाब मिला है. और जवाब भी ऐसा, जिसे पूरा शहर गर्व के साथ देख और महसूस कर रहा है.आज का दिन सिर्फ उद्घाटन का दिन नहीं आज का दिन जैसलमेर की उम्मीदों के नए सफर की शुरुआत है.

उद्घाटन समारोह का सबसे दिलचस्प हिस्सा तब आया जब गजेंद्र सिंह शेखावत ने मंच से जनता से राय लेते हुए ट्रेन का नाम बदलने का सुझाव दिया. पहले इसका नाम शकूरबस्ती–जैसलमेर सुपरफास्ट रखा गया था, लेकिन मंच पर जनता ने एक सुर में नया नाम सुझाया-स्वर्णनगरी एक्सप्रेस. शेखावत ने कहा कि जैसलमेर की धरती स्वर्ण जैसी है, तो इसकी ट्रेन का नाम भी स्वर्णनगरी ही होना चाहिए.” रेल मंत्री ने तुरंत घोषणा की कि यह ट्रेन अब स्वर्णनगरी एक्सप्रेस नाम से ही चलेगी. इसके साथ ही पूरा स्टेशन तालियों से गूंज उठा.

स्वर्णनगरी एक्सप्रेस सिर्फ जैसलमेर की नहीं, बल्कि पूरे पश्चिमी राजस्थान की रफ्तार बदलने वाली ट्रेन साबित होने जा रही है. रेल मंत्री ने बताया कि यह ट्रेन 1 दिसंबर से नियमित रूप से चलेगी. गाड़ी संख्या 12249 रोजाना शकूरबस्ती से चलेगी और 12250 शाम 5 बजे जैसलमेर से दिल्ली के लिए रवाना होगी. सिर्फ एक रात की यात्रा, तेज स्पीड और आधुनिक कोच-यह सेवा दिल्ली, जयपुर, जोधपुर और जैसलमेर के बीच यात्रा को नए स्तर पर ले जाने वाली है. रेल मंत्री ने कहा कि जैसलमेर रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास अंतिम चरण में है. नए प्लेटफॉर्म तैयार हो चुके हैं. शहर के दोनों हिस्सों को जोड़ने वाली ‘सेकंड एंट्री’ भी बन चुकी है, जिससे स्टेश भीड़ और पहुंच दोनों आसान होगी. स्टेशन परिसर में राजस्थान की संस्कृति को प्रदर्शित करने वाला भव्य टर्मिनल तैयार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि स्टेशन का काम अगले एक महीने के भीतर पूरा कर दिया जाएगा और कोशिश होगी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इसका लोकार्पण करें.जैसलमेर में नया कोचिंग मेंटेनेंस डिपो भी बन रहा है. इसका मतलब है कि आने वाले समय में जैसलमेर से सीधे नई गाड़ियाँ शुरू करने की क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी. इनमें वंदे भारत स्लीपर, नई सुपरफास्ट लाइनें और पर्यटन स्पेशल ट्रेनें भी शामिल होंगी. रेल मंत्री ने बताया कि बॉर्डर एरिया में रेलवे लाइन का डीपीआर बन रहा है. कुछ ही महीनों में डीपीआर बनकर तैयार हो जाएगा. इसमें पूरे सीमावर्ती इलाकों को जोड़ने का पूरा प्रयास रहेगा.  उन्होंने कहा कि राजस्थान में अभी करीब 55 हजार करोड़ के रेलवे के प्रोजेक्ट चल रहे है. जिनमें 85 स्टेशनों का पुनर्निर्माण का काम चल रहा है. रेलवे के और भी कई प्रोजेक्ट पर यहां काम चल रहा है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि जैसलमेर से जोधपुर को जोड़ने वाली लाइन को अपग्रेड किया जाएगा.  रेलवे का बजट वर्ष 2014 से पहले 680 करोड़ था, उसे पीएम मोदी ने आज 10 हजार करोड़ का किया है राजस्थान के लिए.

आज के समारोह की सबसे बड़ी घोषणा वह थी जिसने जैसलमेर ही नहीं, बल्कि पूरे देश का ध्यान खींच लिया. पूरे बॉर्डर बेल्ट को एक ही रेलवे नेटवर्क से जोड़ने की योजना. रेल मंत्री ने कहा कि अनूपगढ़, बीकानेर, जैसलमेर, बाड़मेर और भीलड़ी-ये सभी सीमावर्ती जिले अब एक ही रेलवे लाइन से जोड़े जाने वाले हैं. यह देश के इतिहास की सबसे रणनीतिक रेलवे परियोजनाओं में से एक होने जा रही है. यह लाइन सिर्फ ट्रेन सेवा के लिए नहीं, बल्कि सेना की तेज तैनाती, सामरिक उपकरणों की आवाजाही, युद्धकालीन लॉजिस्टिक, राहत सामग्री और आपात स्थितियों में तुरंत प्रतिक्रिया क्षमता को कई गुना बढ़ाने वाली है.थार मरुस्थल में रेल ट्रैक तेज हवाओं, जंग और रेत से जल्दी प्रभावित होते हैं, लेकिन इस बार रेलवे नई तकनीक का उपयोग कर रहा है. जैसे हेवी-ड्यूटी एंटी-कोरोज़न ट्रैक, लो-मेंटेनेंस स्लीपर और सैंड-रेज़िस्टेंट सिस्टम. इससे भारी रेल यातायात भी इन लाइनों पर सुरक्षित और तेज दौड़ सकेगा. रेल मंत्री ने बताया कि जैसलमेर–बाड़मेर–भीलड़ी लाइन की डीपीआर तैयार हो रही है, जबकि बाकी बॉर्डर कनेक्टिविटी लाइनों की योजना अगले कुछ महीनों में अंतिम रूप ले लेगी. यह नेटवर्क तैयार होने के बाद राजस्थान के बॉर्डर जिलों की सुरक्षा संरचना पूरी तरह बदल जाएगी. सेना की मूवमेंट का समय आधा हो जाएगा. युद्धकालीन लॉजिस्टिक्स कई गुना तेज हो जाएगी. और सबसे महत्वपूर्ण-इन इलाकों के लोगों को स्वास्थ्य, शिक्षा, परिवहन और व्यापार के लिए मजबूत कनेक्टिविटी मिलेगी. 

केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इस अवसर पर कहा कि स्वर्णनगरी एक्सप्रेस सिर्फ एक ट्रेन नहीं, बल्कि जैसलमेर की अस्मिता, सांस्कृतिक पहचान और पर्यटन की रीढ़ है. उन्होंने कहा कि दिल्ली से रात में बैठकर सुबह जैसलमेर उतरने वाला यह कनेक्शन पर्यटन उद्योग को नई ऊँचाइयों तक ले जाएगा. उन्होंने बताया कि सरकार रेगिस्तानी पर्यटन, बॉर्डर टूरिज्म, सांस्कृतिक सर्किट और पुरातात्विक धरोहरों को जोड़ने पर तेजी से काम कर रही है. शेखावत ने कहा कि जैसलमेर का यह विकास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दृष्टि का हिस्सा है. जहां सीमावर्ती जिलों को भारत की सबसे मजबूत और सुरक्षित सीमाओं के रूप में विकसित किया जा रहा है. उन्होंने रेल मंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि आज की घोषणाएं राजस्थान के लिए ‘सदी की सबसे बड़ी सौगात’ हैं.

कार्यक्रम में सांसद उम्मेदराम बेनीवाल, विधायक छोटूसिंह भाटी, पूर्व केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी सहित कई जनप्रतिनिधि मौजूद रहे. सांसद उम्मेदराम बेनीवाल ने कहा कि जैसलमेर को अब वास्तविक अर्थों में उसकी पहचान मिली है. उन्होंने लंबे समय से लंबी दूरी की ट्रेनों की मांग उठाई थी. जैसे जैसलमेर से मुंबई, अहमदाबाद और दक्षिण भारत के लिए सीधा कनेक्शन. उन्होंने कहा कि आज की घोषणाओं के बाद ये सभी मांगें अब पूरी तरह व्यवहारिक हो गई हैं.बेनीवाल ने कहा कि नई ट्रेन सेवा से पर्यटन उद्योग को नई जान मिलेगी, होटल व्यवसाय में रोजगार बढ़ेगा, व्यापारियों को फायदा होगा, और सबसे महत्वपूर्ण-जैसलमेर की युवा पीढ़ी को नए रोज़गार अवसर मिलेंगे. उन्होंने रेल मंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि जैसलमेर अब सिर्फ एक सीमांत जिला नहीं, बल्कि राजस्थान का उभरता हुआ राष्ट्रीय रेल हब बनकर सामने आ रहा है.रेल मंत्री ने स्टेशन पर स्थानीय कारीगरों से बना पत्थर का प्याला खरीदा और डिजिटल पेमेंट का उदाहरण पेश किया. उनका संदेश स्पष्ट था. स्थानीय उत्पादों को अपनाइए, जैसलमेर को पहचान दीजिए.

जैसलमेर की रेतीली हवाएं आज इतिहास की खुशबू लेकर चलीं. स्वर्णनगरी एक्सप्रेस के साथ यह सिर्फ यात्रा की शुरुआत नहीं है. यह एक नए युग का उद्घाटन है. सीमा पर खड़े जवानों की सुरक्षा से लेकर जैसलमेर के हर घर की उम्मीद तक, हर कदम पर विकास अब तेज रफ्तार से दौड़ने लगा है. आज की घोषणाओं ने साफ कर दिया है कि जैसलमेर अब सिर्फ पश्चिमी सीमा का पहरेदार नहीं, बल्कि भारत के विकास का नया ध्रुव बन चुका है. यह बदलाव है. यह विश्वास है और यह भविष्य है. जो अब पटरी पर है, रफ्तार में है, और सीधे दिल्ली से जुड़ चुका है.