जयपुर: राजस्थान की बहुचर्चित निःशुल्क दवा योजना में आमजन को मिलने वाली दवाओं की गुणवत्ता में समझौता करने वाली फार्मा कम्पनियों पर चालू वित्तीय वर्ष में बड़ा एक्शन लिया गया है.राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन ने गुणवत्ता जांच में मानकों पर खरा नहीं उतरने वाली दवाओं की 7 निर्माता फर्म और 40 उत्पादों को सेवा से डिबार किया है.इसके साथ ही 6 प्रकरणों में दवा कंपनियों पर जुर्माना लगाया गया है.2011 में निगम के गठन के बाद से लेकर अब तक की ये सबसे बड़ी कार्रवाई है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर की मंशा है कि आमजन को निःशुल्क दवा योजना में गुणवत्तापूर्ण दवा मिले.
साथ ही दवाओं की उपलब्धता में भी किसी भी तरह की दिक्कतें ना आए,ऐसे में कार्यकारी एजेंसी राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन यानी आरएमएससीएल ने दवाओं की निर्बाध आपूर्ति के साथ ही गुणवत्ता पर विशेष फोकस करते हुए सख्ती की है.इसी क्रम में चालू वित्तीय वर्ष में अमानक दवा की आपूर्ति अथवा दवाओं की डिलीवरी में लेटलतीफी पर 7 दवा कंपनियों को प्रतिबंधित किया गया है.इसके साथ ही 40 से अधिक दवा उत्पादों को निगम से डिबार किया गया है.इस सख्ती को लेकर चिकित्सा गजेन्द्र सिंह खींवसर ने बताया कि दवाओं की गुणवत्ता को लेकर जीरो टोलरेंस की नीति पर काम करते हुए विभाग ने गुणवत्ता मानकों में खरा नहीं उतरने वाली दवाओं से संबंधित फर्मों के विरूद्ध सख्त कदम उठाए हैं.
14 साल में महज 26 फर्म डिबार, 2025 में 7 फर्मां पर गिरी गाज:
-निःशुल्क दवा योजना में गुणवत्ता को लेकर चिकित्सा विभाग की सख्ती
-चालू वित्तीय वर्ष में सात फर्मो को किया गया निगम की सेवा से प्रतिबन्धित
-प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2011-12 हुआ था निगम का गठन
-तब से लेकर 2024-25 के दौरान कुल 26 कम्पनियों को प्रतिबंधित किया गया था,
-जबकि वित्तीय वर्ष 2025-26 में ही अमानक दवा की आपूर्ति अथवा
-आपूर्ति नहीं करने के कारण 7 दवा कम्पनियों को प्रतिबंधित किया गया है
-साथ ही, 40 उत्पादों को डिबार किया गया है,जो किसी वित्तीय वर्ष में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है
-इसके अलावा 06 प्रकरणों में कम्पनियों पर शास्ति आरोपित की गई है
पांच फर्म पांच साल के लिए प्रतिबन्धित, दो को तीन साल का झटका:
-निःशुल्क दवा योजना में गुणवत्ता को लेकर चिकित्सा विभाग की सख्ती
-RMSCL प्रशासन ने इस चालू वर्ष में 7 फर्मों को किया डिबार
-इसमें से मेसर्स एरियन हेल्थकेयर को सिप्रोफ्लॉक्सासिन और डेक्सामेथासोन आई एवं ईयर ड्रॉप,
-मेसर्स एग्रॉन रेमेडीज प्रा.लि. को सेफ्युरॉक्सिम एक्सिटिल टैबलेट तथा टोब्रामाइसिन आईड्रॉप,
-मेसर्स एफी पेरेंटेरल्स को कैल्शियम व विटामिन डी3 टैबलेट्स,
-जेपीईई ड्रग्स को कैल्शियम व विटामिन डी3 सस्पेंशन और
-मैसर्स साई पेरेंटेरल्स लि. ने की अमानक श्रेणी का हेपरिन सोडियम इंजेक्शन सप्लाई
-इन सभी फर्मों को निगम ने अगले पांच साल के लिए किया प्रतिबन्धित
-इसके अलावा मैसर्स बायोजेनेटिक ड्रग्स प्रा.लि. एवं
-मैसर्स स्माइलैक्स हेल्थकेयर ड्रग कंपनी को सेवा शर्तों में उल्लंघन पर तीन साल के लिए किया डिबार
निगम प्रशासन ने जांच में दवाओं के नमूने अमानक पाने पर कुल 40 दवाइयों की बिक्री व बेचान पर प्रतिबंध लगाया गया है. प्रमुख चिकित्सा सचिव गायत्री राठौड़ और RMSCL पुखराज सैन के मुताबिक निगम के बनने के बाद से लेकर अब तक एक साल में ये सबसे बड़ी कार्रवाईयां है, जिसमें ये साफ किया गया है कि दवाओं की गुणवत्ता में किसी भी तरह का समझौता बर्ताश्त नहीं किया जाएगा.प्रतिबन्ध के अलावा 6 अन्य प्रकरणों में कंपनियों पर जुर्माना भी लगाया गया है.