जयपुरः राजस्थान की नौकरशाही को नया शीर्ष प्रशासक मिल गया है ,1989 बैच के आईएएस वी. श्रीनिवास ने सचिवालय में मुख्य सचिव का पदभार संभाल लिया. उनकी ज्वाइनिंग का अंदाज़ परंपरा और पेशेवरियत दोनों का अनोखा मिश्रण रहा.
राजस्थान में प्रशासनिक नेतृत्व का बड़ा बदलाव हो गया है. 1989 बैच के वरिष्ठ IAS अधिकारी वी. श्रीनिवास ने सेंट्रल डेपुटेशन से लौटकर राजस्थान के नए मुख्य सचिव के रूप में कार्यभार संभाल लिया. सचिवालय में निवर्तमान मुख्य सचिव सुधांश पंत ने औपचारिक रूप से चार्ज उन्हें सौंपा. चार्ज लेने से पहले दोनों वरिष्ठ अधिकारियों ने सचिवालय एंट्री गेट स्थित गणेश मंदिर में मंत्रोच्चार के साथ पूजा-अर्चना की. कार्यभार ग्रहण करते ही श्रीनिवास ने सचिवालय में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ पहली मीटिंग की.मीडिया से बातचीत में श्रीनिवास ने कहा मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का आभार प्रकट करता हूं. जिन्होंने मेरी कार्यकुशलता पर विश्वास जताते हुए इतनी बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है. प्रधानमंत्री का भी धन्यवाद करता हूं. राजस्थान मेरी कर्मभूमि है. मेरे करियर की असली नींव यहीं रखी गई है. उन्होंने याद किया कि नागौर में प्रोबेशन से लेकर भीलवाड़ा, निंबाहेड़ा, वित्त, स्वास्थ्य, साइंस-टेक्नोलॉजी, कर बोर्ड और राजस्व मंडल तक—वे कई अहम पदों पर काम कर चुके हैं. श्रीनिवास ने वीबीएल माथुर, मीठालाल मेहता और राजीव महर्षि जैसे दिग्गज अफसरों के साथ काम करने का अनुभव भी साझा किया जिसे उन्होंने अपनी एडमिनिस्ट्रेटिव फिलॉसफी की नींव बताया. मुख्य सचिव ने कहा कि नई सरकार की प्राथमिक थिंक-फाइल विजन 2047 अब सीधे उनके टेबल पर है. उनका फोकस राजस्थान को हाई ग्रोथ स्टेट बनाने, प्राइवेट इन्वेस्टमेंट आकर्षित करने और नवाचारों को ग्राउंड लेवल पर उतारने पर रहेगा. राइजिंग राजस्थान के एमओयू लागू करना, कृषि, आईजीएनपी, स्वास्थ्य और सोशल सेक्टर को गति देना और 2022 में शुरू की गई नई शिक्षा नीति को ऑपरेशनलाइज करना उनकी प्राथमिकताओं में है. उन्होंने कहा कि गरीब, महिला, किसान और युवा—इन सभी को प्राथमिकता देने वाली योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन और विभागों के बीच बेहतरीन कोऑर्डिनेशन उनका टॉप एजेंडा रहेगा. श्रीनिवास ने बताया कि केंद्र में रहते हुए उन्होंने देखा कि राजस्थान के कई नवाचार—जैसे जनसंपर्क पोर्टल—केंद्र सरकार ने भी अपनाए हैं. नए मुख्य सचिव डिजिटल-ड्रिवन गवर्नेंस के समर्थक माने जाते हैं. वन नेशन–वन पोर्टल, डिजिटल हेल्थ मॉडल, त्वरित जन शिकायत निस्तारण प्रणाली, पेंशन सुधार, पेपरलेस वर्किंग, जिलों में डिजिटल मॉनिटरिंग और ई-ऑफिस का फुल स्केल इम्प्लीमेंटेशन—इन प्रयोगों की झलक अब राजस्थान में भी देखने को मिल सकती है. 2018 में राजस्व मंडल अध्यक्ष रहते हुए उनकी लोक अदालत जैसी पहल पूरे देश में चर्चा में रही
मुख्य सचिव का चार्ज हैंडओवर और औपचारिक समारोहों के बाद निवर्तमान मुख्य सचिव सुधांश पंत सचिवालय से रवाना हो गए. लगभग दो साल के कार्यकाल के बाद सचिवालय में आईएएस एसोसिएशन ने उन्हें विदाई दी. पंत ने कहा राजस्थान तो अपना ही प्रदेश है. जो कुछ सोचा था, लागू कराया. नई टीम उसे आगे बढ़ाएगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभारी हूं कि उन्होंने मुझे केंद्र और राज्य, दोनों स्तरों पर महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दीं. ऐसे कम ही अधिकारी होते हैं जिनको केंद्र में सचिव, राज्य में मुख्य सचिव और केंद्र में फिर सचिव बनने का मौका मिलता हो. आज तकरीबन 2 साल बाद जब मैं वापस दूसरे पदस्थापन के लिए जा रहा हूं. तो मन में एक संतुष्टि और खुशी का भाव है. कि जो भी मैंने प्रयास किया, उससे एक प्रोफेशनल संतुष्टि मिलती है. कई चीज जो राजस्थान के प्रशासनिक प्रणाली के लिए सोची थी, वह इस दौरान में लागू कर पाया. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के सहयोग के कारण 2 वर्षों का कार्यकाल संतुष्टि से पूरा किया. कई कार्य प्रगति पर हैं, जिन्हें नए मुख्य सचिव आगे बढ़ाएंगे. राजस्थान मेरा ही प्रदेश है, इसका ध्यान हमेशा रखूंगा.