नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र की आज से शुरुआत हुई. सत्र के पहले दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हंस द्वार पर मीडिया को ब्रीफ किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद शीतकालीन सत्र पर कहा कि ये शीतकालीन सत्र ये सिर्फ रस्म नहीं है बल्कि राज्य को प्रगति की ओर तेज गति से लेने जाने के जो प्रयास चल रहे हैं उसमें ऊर्जा भरने का काम ये शीतकालीन सत्र करेगा. ऐसा मेरा विश्वास है.
पीएम मोदी ने कहा कि गत दिनों बिहार में जो चुनाव हुआ, उसमें मतदान का जो विक्रम हुआ, वो लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है. माताओं-बहनों की जो भागीदारी बढ़ रही है, ये अपने आप में एक नई आशा, नया विश्वास पैदा करती है. एक तरफ लोकतंत्र की मजबूती अब इस लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं के भीतर अर्थतंत्र की मजबूती इसको भी दुनिया बहुत बरीकी से देख रही है. भारत ने सिद्ध कर दिया है कि लोकतंत्र परिणाम दे सकता है.
पीएम मोदी ने कहा कि विपक्ष भी अपना दायित्व निभाए, चर्चा में मजबूत मुद्दे उठाए. पराजय की निराशा से बाहर निकलकर आएं. दुर्भाग्य ये है कि 1-2 दल तो ऐसे हैं कि वो पराजय भी नहीं पचा पाते. मैं सोच रहा था कि बिहार के नतीजों को इतना समय हो गया, तो अब थोड़ा संभल गए होंगे, लेकिन, कल जो मैं उनकी बयानबाजी सुन रहा था, उससे लगता है कि पराजय ने उनको परेशान करके रखा है.उनसे मेरा आग्रह है कि पराजय की बौखलाहट को मैदान नहीं बनना चाहिए.
पीएम मोदी ने कहा कि ड्रामा करने के लिए बहुत जगह होती है, जिसको करना है करते रहे. यहां ड्रामा नहीं डिलीवरी होनी चाहिए.यहां नारे नहीं नीति पर बल देना चाहिए और वो आपकी नीयत होनी चाहिए.हो सकता है कि राजनीति में नकारात्मकता कुछ काम आती होगी लेकिन राष्ट्र निर्माण के लिए कुछ सकारात्मक सोच भी होनी चाहिए.