राजस्थान के शहरों में आ सकेंगी विभिन्न प्रकार की योजनाएं, रियल एस्टेट को बढ़ावा देने के लिए किए गए प्रावधान, देखिए खास रिपोर्ट

जयपुरः प्रदेश के शहरों में प्रमोटर्स अब विभिन्न प्रकार की  योजनाएं ला सकेंगे. रियल एस्टेट को बढ़ावा देने के लिए नई टाउनशिप नीति में ऐसी योजनाओं के मापदंड निर्धारित किए गए हैं, जिन योजनाओं के लिए अब तक कोई स्पष्ट मापदंड लागू नहीं थे. 

प्रदेश भर के निकायों के पास मिश्रित भू उपयोग योजना,ग्रुप हाउसिंग या फ्लैट हाउसिंग योजना,एकीकृत योजना,सब सिटी सेंटर व डिस्ट्रिक सेंटर विकसित करने के लिए पिछले काफी समय से प्रकरण प्राप्त हो रहे हैं. लेकिन इन योजनाओं के लिए पुरानी टाउनशिप नीति में कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं थे. यही कारण था कि या तो इन प्रकरणों पर विचार नहीं किया गया या फिर इन्हें लेकर नगरीय निकाय मनमर्जी के मापदंड लागू कर रहे थे. समय की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में हाल ही लागू की गई नई टाउनशिप नीति में इन योजनाओं को लेकर प्रावधान लागू किए हैं. आपको बताते हैं कि नई टाउनशिप नीति के मुताबिक किस योजना के लिए किन मापदंडों की पालना करनी होगी.

मिश्रित भू उपयोग योजना
-इस योजना के लिए कम से कम दो हैक्टेयर भूमि की आवश्यकता होगी
-इन योजनाओं में भूखंड व सुविधा क्षेत्र में 60:40 का मापदंड लागू होगा
-सुविधा क्षेत्र में 7% भूमि पार्क के लिए आरक्षित होगी
-एक स्थान पर पार्क का आकार एक हजार वर्गमीटर से कम नहीं होगा
-पार्क की चौड़ाई दस मीटर से कम नहीं होगी
-तीन प्रतिशत भूमि खेल के मैदान के लिए आरक्षित होगी
-चार प्रतिशत भूमि जन उपयोग के लिए और चार प्रतिशत भूमि जन सुविधा के लिए जरूरी होगी
-कॉमन व पब्लिक पार्किंग के लिए स्कीम एरिया का पांच प्रतिशत रखना होगा
-आंतरिक सड़कों की चौड़ाई 60 फीट से कम नहीं होगी
-योजना के आवासीय हिस्से में सड़क की चौड़ाई नियमानुसार रहेगी
-इस योजना के साठ प्रतिशत विक्रय योग्य क्षेत्रफल में कम से कम 20 प्रतिशत भूमि का व्यावसायिक उपयोग जरूरी होगा
-इसी तरह न्यूनतम 10 प्रतिशत भूमि का संस्थानिक उपयोग जरूरी होगा

एकीकृत योजना
-ऐसी योजना जिसमें ग्रुप हाउसिंग,फ्लैट हाउसिंग और स्वतंत्र भूखंड हो,उन्हें एकीकृत योजना कहा जाता है
-इस योजना के लिए कम से कम दो हैक्टेयर भूमि की आवश्यकता होगी
-इन योजनाओं में भूखंड व सुविधा क्षेत्र में 60:40 का मापदंड लागू होगा
-सुविधा क्षेत्र में 7% भूमि पार्क के लिए आरक्षित होगी
-एक स्थान पर पार्क का आकार एक हजार वर्गमीटर से कम नहीं होगा
-पार्क की चौड़ाई दस मीटर से कम नहीं होगी
- तीन प्रतिशत भूमि खेल के मैदान के लिए आरक्षित होगी
-चार प्रतिशत भूमि जन उपयोग के लिए और चार प्रतिशत भूमि जन सुविधा के लिए जरूरी होगी
-इस योजना के साठ प्रतिशत विक्रय योग्य क्षेत्रफल में कम से कम 5 प्रतिशत भूमि का सामान्य व्यावसायिक उपयोग करना जरूरी होगा
-इसी तरह अधिकतम 10 प्रतिशत भूमि का संस्थानिक उपयोग जरूरी होगा
-ऐसी योजनाओं में ग्रुप हाउसिंग के लिए न्यूनतम 5 हजार वर्गमीटर भूमि जरूरी होगी
-फ्लैट योजना के लिए कम से कम 750 वर्गमीटर भूमि जरूरी होगी

ग्रुप हाउसिंग/फ्लैट हाउसिंग योजन
-इस योजना के लिए कम से कम दो हैक्टेयर भूमि की आवश्यकता होगी
-इन योजनाओं में भूखंड व सुविधा क्षेत्र में 65:35 का मापदंड लागू होगा
-सुविधा क्षेत्र में 7% भूमि पार्क के लिए आरक्षित होगी
-एक स्थान पर पार्क का आकार एक हजार वर्गमीटर से कम नहीं होगा
-पार्क की चौड़ाई दस मीटर से कम नहीं होगी
- तीन प्रतिशत भूमि खेल के मैदान के लिए आरक्षित होगी
-दो प्रतिशत भूमि जन उपयोग के लिए और तीन प्रतिशत भूमि जन सुविधा के लिए जरूरी होगी
-इस योजना के साठ प्रतिशत विक्रय योग्य क्षेत्रफल में कम से कम 5 प्रतिशत भूमि का व्यावसायिक उपयोग करना जरूरी होगा
-इसी तरह इन्फॉर्मल सेक्टर के लिए 1 प्रतिशत भूमि रखना जरूरी होगा
-ऐसी योजनाओं में ग्रुप हाउसिंग के लिए न्यूनतम 5 हजार वर्गमीटर भूमि जरूरी होगी
-फ्लैट योजना के लिए कम से कम 750 वर्गमीटर भूमि जरूरी होगी
-ग्रुप हाउसिंग योजना के लिए आंतरिक सड़कों की न्यूनतम चौड़ाई 18 मीटर जरूरी होगी    

डिस्ट्रिक सेंटर/सब सिटी सेंटर
-इन योजनाओं के लिए न्यूनतम एक हैक्टेयर भूमि की जरूरत होगी
-इन योजनाओं में भूखंड व सुविधा क्षेत्र में 60:40 का मापदंड लागू होगा
-सुविधा क्षेत्र में पार्क के लिए न्यूनतम 5 प्रतिशत भूमि छोड़नी होगी
-जन सुविधा और जन उपयोग दोनों के लिए चार-चार प्रतिशत भूमि छोड़नी होगी
-स्कीम एरिया की न्यूनतम 25 प्रतिशत भूमि का उपयोग डिस्ट्रिक सेंटर/सब सिटी सेंटर/कम्युनिटी सेंटर,
-और सामान्य व्यावसायिक व मिश्रित भू उपयोग के लिए किया जा सकेगा
-स्कीम एरिया की दस प्रतिशत भूमि कॉमन पार्किंग के लिए छोड़नी होगी