जयपुर: ग्रेटर निगम ग्रेटर की कार्यकारिणी समिति की बैठक गुरुवार को विवादों में घिरी रही, जब ऐन वक्त पर इसे स्थगित कर दिया गया. बैठक को लेकर पहले से तैयारियां चल रही थीं, अधिकारी, आयुक्त, चेयरमैन, नेता प्रतिपक्ष और उपमहापौर सभी ईसी सभागार में बैठक शुरू होने का इंतजार कर रहे थे, लेकिन बैठक शुरू होने से ठीक पहले महापौर डॉ. सौम्या गुर्जर ने इसे स्थगित करने का निर्णय लिया, जिससे निगम के कुछ चेयरमैन इसको लेकर नाराज हो गए और हंगामा किया.
आज 11 बजे होनी थी कार्यकारिणी समिति की बैठक:
-कार्यकारिणी समिति की बैठक में शामिल थे 18 एजेंडे
-बैठक में नामकरण से जुड़े थे 12 प्रस्ताव
-वहीं कर्मचारियों के प्रमोशन से जुड़े थे 6 प्रस्ताव
-सुखदेव सिंह गोगामेडी का प्रस्ताव शामिल होना रहा चर्चा का विषय
-करनी सेना की ओर से दिसंबर 2024 में दिया गया था ये प्रस्ताव
-वहीं स्व. भैरोसिंह शेखावत का प्रस्ताव भी 3 बैठकों से चला आ रहा था लंबित
बैठक के स्थगन पर उपमहापौर पुनीत कर्णावत ने खुलकर नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि कार्यकारिणी समिति की बैठक का समय पहले से तय था और बोर्ड के पास अब बहुत कम समय बचा है. ऐसे में बैठक को स्थगित करना दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उनके द्वारा पहले कार्यकारिणी समिति की बैठक में रामबाग सर्किल से लेकर निगम मुख्यालय तक का नाम स्व. भैरो सिंह शेखावत के नाम पर रखने का प्रस्ताव रखा गया था, लेकिन आज तक उस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई. चेयरमैनों ने भी बैठक स्थगित करने के तरीके पर सवाल उठाए. उनका कहना था कि जब सभी सदस्य और अधिकारी बैठक के लिए उपस्थित थे, तब अचानक इसे रद्द करना प्रशासनिक असंवेदनशीलता को दर्शाता है. कई चेयरमैनों ने इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया के खिलाफ बताया और कहा कि पार्षदों के लंबे समय से लंबित प्रस्तावों को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है.
महापौर डॉ. सौम्या गुर्जर ने बैठक स्थगित करने के पीछे स्पष्ट कारण बताए. उन्होंने कहा कि बैठक के लिए अंतिम समय तक उनके पास कोई अतिरिक्त एजेंडा नहीं आया और कुछ ऐसे प्रस्ताव थे जिन्हें बिना उनके अनुमोदन के सीधे बैठक में लाया जा रहा था. उन्होंने यह भी कहा कि वह चाहती है कि बैठक में पार्षदों के लंबे समय से अटके हुए प्रस्तावों को प्राथमिकता दी जाए और उन्हें एजेंडे में शामिल किया जाए. महापौर ने आश्वासन दिया कि जल्द ही नई बैठक की तारीख तय की जाएगी और उसमें सभी प्रस्तावों को विधिवत रूप से शामिल किया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि कार्यकारिणी समिति की बैठकें पारदर्शिता और प्रक्रिया के तहत होनी चाहिए, ताकि सभी जनप्रतिनिधियों को उचित मंच मिल सके.
इस बैठक में शहर के कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होनी थी, जैसे कि सड़क मरम्मत, जल आपूर्ति, सफाई व्यवस्था, और पार्कों के रखरखाव, लेकिन बैठक स्थगित होने से इन सभी मुद्दों पर निर्णय फिर टल गया. स्थानीय नागरिकों को उम्मीद थी कि इस बैठक में उनके क्षेत्र से जुड़े प्रस्तावों पर चर्चा होगी, लेकिन अब उन्हें और इंतजार करना पड़ेगा. नगर निगम ग्रेटर की कार्यकारिणी समिति की बैठक का ऐन वक्त पर स्थगित होना न केवल प्रशासनिक असंतुलन को दर्शाता है, बल्कि यह भी स्पष्ट करता है कि निगम के भीतर समन्वय की कमी है. उपमहापौर और चेयरमैनों की नाराजगी, विपक्ष की आलोचना और महापौर की सफाई-इन सबके बीच शहर के विकास से जुड़े मुद्दे फिर एक बार पीछे छूट गए हैं. अब देखना यह होगा कि अगली बैठक कब होती है और उसमें कितनी पारदर्शिता और समावेशिता रहती है.