जयपुर: सरदार पटेल एक ऐसा नाम जो नहीं होते तो देश एक नहीं होता. इसलिए वो लौह पुरुष कहलाए. यही कारण बीजेपी लौह पुरुष की जयंती पर "सरदार 150 यूनिटी मार्च"का आगाज किया.गंगा प्रवाह और यमुना प्रवाह यात्रा के आयोजन किए. इसके तहत बस यात्रा जयपुर में 25 नवंबर को पहुंचेगी.26 नवंबर सुबह 9 बजे यात्रा होगी शुरू मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा यात्रा को करेंगे रवाना यात्रा में हरियाणा, राजस्थान सहित विभिन्न प्रदेशों के कार्यकर्ता होंगे शामिल शहीद स्मारक से यात्रा को किया जाएगा रवाना.
आजादी के समय राजस्थान में 19 बड़ी रियासतें, 3 ठिकाने चीफशिप और 1 केंद्र शासित प्रदेश अजमेर-मेरवाड़ा थे..पटेल ने कूटनीति, दूरदर्शिता और दृढ़ संकल्प का उपयोग करते हुए इन रियासतों के शासकों को भारतीय संघ में विलय के लिए राजी किया.कुछ रियासतें, जैसे जोधपुर, पाकिस्तान में शामिल होने या स्वतंत्र रहने की कोशिश कर रही थीं, लेकिन पटेल ने प्रभावी ढंग से बातचीत करके उन्हें भारत में विलय के लिए मना लिया.
चरणबद्ध एकीकरण राजस्थान का एकीकरण 7 चरणों में 18 मार्च, 1948 से शुरू होकर 1 नवंबर, 1956 को पूरा हुआ, जिसमें कुल 8 वर्ष 7 माह 14 दिन लगे. 30 मार्च, 1949 को पटेल ने वृहत् राजस्थान का विधिवत उद्घाटन किया, जिसमें जयपुर, जोधपुर, बीकानेर और जैसलमेर जैसी बड़ी रियासतें शामिल हुईं. इस दिन को राजस्थान दिवस के रूप में मनाया जाता है. उन्होंने विलय पत्र के माध्यम से शासकों को कुछ अधिकार और प्रिवी पर्स जैसे प्रोत्साहन देकर विलय को आसान बनाया था. आज के राजस्थान की तस्वीर को बनाने में सरदार पटेल का योगदान अहम था इसलिए वो लौह पुरुष कहलाए. यही कारण है कि बीजेपी के "सरदार 150 यूनिटी मार्च"का जयपुर में भव्य स्वागत होगा. बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच यात्रा को लेकर जबरदस्त उत्साह है
सरदार पटेल की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में 18 को प्रदेश कार्यालय में कार्यशाला आयोजित हो चुकी है. सरदार पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर केंद्र सरकार की ओर से देशभर के अलग-अलग जिलों से चार प्रवाह निकाली जाएगी. इसका शुभारंभ 22 नवंबर को नई दिल्ली में गंगा प्रवाह से हुआ.
-26 नवंबर को यमुना प्रवाह जयपुर से रवाना होगी.
-सीएम भजन लाल शर्मा और मदन राठौड़ करेंगे रवाना.
-इसी तरह नर्मदा प्रवाह नागपुर और गोदावरी प्रवाह मुंबई से रवाना होकर विभिन्न राज्यों से होते हुए गुजरात के केवडिया में पहुंचेगी.
-यमुना प्रवाह जयपुर से पुष्कर, जैतारण, जोधपुर, पाली, माउंट आबू होते हुए गुजरात में प्रवेश करेगी.
-दो दिवसीय पैदल मार्च के पश्चात स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, केवड़िया में इसका समापन होगा.