जयपुर: केंद्र में सत्ता वापसी की जद्दोजहद में जुटी कांग्रेस की नजरें अब पूरी तरह से ओबीसी वोट बैंक पर है.ओबीसी वोट बैंक को लुभाने के लिए पहले कांग्रेस ने मजबूती से जातिगत जनगणना की मांग का मुद्दा उठाया तो अब ओबीसी वर्ग की समस्याओं के समाधान और उनको सियासी ताकत देने के लिए कांग्रेस ने अपने 24 ओबीसी वर्ग के सीनियर नेताओं की एक एडवाइजरी काउंसिल का गठन किया है.
लगातार तीन लोकसभा चुनाव हारने के बाद कांग्रेस हाईकमान औऱ थिंक टैंक को अब यह समझ में आ गया है कि अगर सत्ता में वापसी करना है तो हर हाल में ओबीसी वोट बैंक को साधना होगा.क्योंकि बीजेपी की केंद्र में जीत की हैट्रिक में ओबीसी वोट बैंक का बड़ा रोल है.लिहाजा कांग्रेस ने ओबीसी मतदाताओं को लुभाने के लिए कवायद शुरु कर दी है.इसके लिए कांग्रेस ने अपने ओबीसी वर्ग के वरिष्ठ नेताओं की एक एडवाइजरी काउंसिल का गठन किया है.
कांग्रेस का मिशन "ओबीसी वोट बैंक":
-ओबीसी वोट बैंक को लुभाने के लिए कांग्रेस का एक्शन प्लान
-24 वरिष्ठ नेताओं की ओबीसी एडवाइजरी काउंसिल का किया गठन
-काउंसिल में पार्टी ने अपने देशभर के वरिष्ठ ओबीसी वर्ग नेताओं को किया शामिल
-कर्नाटक सीएम सिद्धारमैया भी है काउंसिल में शामिल
-3 पूर्व सीएम गहलोत,बघेल औऱ नारायणसामी भी काउंसिल में सदस्य
-राजस्थान से अशोक गहलोत और सचिन पायलट को किया शामिल
-15 जुलाई को बेंगलुरु में होगी काउंसिल की पहली अहम बैठक
-काउंसिल ओबीसी वर्ग से जुड़े डेटा औऱ मुद्दों को उठाएगी मजबूती से
-ओबीसी वर्ग के वोटों को कांग्रेस से जोड़ने के ये नेता देंगे टिप्स
-जातिगत जनगणना प्रक्रिया पर रखेंगे ये नेता पैनी नजर
आपको बता दे कि भारत में ओबीसी का एक बड़ा औऱ मजबूत सियासी वोट बैंक है.नरेंद्र मोदी के पीएम बनने के बाद एकमुश्त ओबीसी जातियां और तेजी से बीजेपी के पक्ष में लामबंद हुई है.ओबीसी वर्ग के संगठनों के दावों और एक्सपर्ट के मुताबिक भारत में करीब 55 से 60 फीसदी मतदाता ओबीसी वर्ग के है.करीब 96 जातियां ओबीसी वर्ग में शामिल बताई जा रही है.लिहाजा सरकार बनाने में ओबीसी वर्ग के वोटर्स का यकीनन एक बड़ा सियासी रोल है.कांग्रेस थिंक टैंक को यह बात अब अच्छी तरह से समझ में आ गई है कि अगर फिर से सेंटर में सत्ता का सुख लेना है तो ओबीसी मतदाताओं को कैसे भी साथ जुटाना ही होगा.लिहाजा कांग्रेस ने इस कवायद के तहत गंभीर और मिशन मोड़ पर काम शुरु कर दिया है.
ओबीसी वर्ग के मतदाताओं को लुभाने के लिए ही राहुल गांधी ने जातिगत जनगणना का मुद्दा जोर शोर से उठाया था.बाद में सरकार ने जनगणना के आदेश भी जारी कर दिए.ऐसे में अब कांग्रेस इस मोमेंटम को आगे भी बरकरार रखना चाहती है.क्योंकि जब जनगणना के आधिकारिक आंकड़े सामने आएंगे तो कांग्रेस यह जरुर क्रेडिट लेगी कि हमने ही ओबीसी वर्ग के वास्तविक आंकड़े और स्थिति सामने लाने के लिए आवाज उठाई थी.अब यह अलग बात है कि ओबीसी वर्ग कांग्रेस के साथ कितना जाता है या नहीं जाता है यह तो आने वाले चुनाव परिणाम बताएंगे.