जयपुर: सात विधानसभा उपचुनाव की जंग के लिए प्रचार अब अंतिम चरण में है.लिहाजा नेताओं की बयानबाजी में अब तल्खी भी आने लगी है.कुछ नेताओं ने अपने भाषणों में सीमाएं भी लांघ दी है.चोर,उठाईगिरा,सीडी,कत्लेआम औऱ पाकिस्तान जिंदाबाद जैसे नारे और बयान जैसे बिगड़े बोल अब तक सामने आ चुके हैं.राजस्थान की सात सीटों के उपचुनाव में अब महज 5 दिन शेष बचे है.लिहाजा प्रचार के अंतिम दौर में अब नेताओं की बयानबाजी बेलगाम होती जा रही है.प्रचार में भाषण के दौरान नेताओं ने अब बयानों में अपनी मर्यादा की सारी सीमाओं को लांघ दिया है.झुंझुनूं के चुनावी रण में तो पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे तक लगाने की निर्दलीय प्रत्याशी राजेन्द्र गुढा ने वकालत कर डाली.गुढा ने एक सभा में कहा कि यह कहां लिखा है कि पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे नहीं लगा सकते.
यहीं नहीं झुंझुनूं के चुनावी रण में तो बात अब मारने पीटने तक पहुंच गई है. कांग्रेस विधायक हाकम अली ने कहा कि मैंने औऱ रफीक खान ने विधानसभा में गुढा की पिटाई की थी.सदन के बाहर आकर फिर गुढा रोने लगा था.इसलिए गुढा सिर्फ एक धोखा है. वहीं देवली-उनियारा के चुनावी दंगल में तो नेताजी उठाईगिरा औऱ चोर जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर रहे है.सांसद हरीश चंद्र मीणा ने नाम लिए बगैर निर्दलीय नरेश मीणा पर जमकर हमला बोला.मीणा ने कहा कि हमें ऐसे चोरों औऱ उठाईगिरों से ईमानदारी का सर्टिफिकेट नहीं चाहिए.ये भाड़े के लोग है.
वहीं पूर्व मंत्री रघु शर्मा तो कत्लेआम होने का दावा कर रहे है.देवली-उनियारा में सभा में शर्मा ने कहा कि भाजपा सरकार 13 नवम्बर को वोटिंग के बाद कत्लेआम करने वाली है.उनके इस बयान की शिकायत भी दर्ज करवाई गई है.चुनावी जंग जीतने के लिए नेताओं की इस बयानबाजी को उचित औऱ मर्यादित तो बिल्कुल नहीं बताया जा सकता.मुद्दों औऱ दावों के बजाय नेता विवादित बयान देकर आखिर क्या साबित करना चाहते है.खैर,जनता इनके बिगड़े बोलों को कैसे लेती है, यह तो नतीजों से साबित हो जाएगा.