Surya Grahan 2024 : नवरात्रि से पहले लग रहा है साल का दूसरा सूर्य ग्रहण, जानें क्या मान्य होगा सूतक काल?

Surya Grahan 2024 : नवरात्रि से पहले लग रहा है साल का दूसरा सूर्य ग्रहण, जानें क्या मान्य होगा सूतक काल?

जयपुर: इस साल का दूसरा सूर्यग्रहण 2 अक्टूबर 2024 को लगेगा. नवरात्रि 3 अक्टूबर 2024 से शुरु हो रही है. यह पूर्ण सूर्य ग्रहण नहीं बल्कि एक वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा. इसे रिंग ऑफ फायर भी कहा जाता है. जब सूर्य ग्रहण पड़ता है तो आसमान में एक आग का छल्ला दिखाई पड़ता है. पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि वैदिक पंचांग के अनुसार 02 अक्टूबर को आश्विन अमावस्या है. सनातन धर्म में आश्विन अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है. आश्विन अमावस्या पर वर्ष का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण लगने वाला है. यह सूर्य ग्रहण कंकण सूर्य ग्रहण होगा. यह सूर्यग्रहण कन्या राशि और हस्त नक्षत्र में लगने जा रहा है. सूर्य ग्रहण का धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों महत्व है. इस दौरान तीन ग्रहों पर राहु की सीधी दृष्टि रहने वाली है. बुध, केतु और सूर्य तीनों ग्रह इस दौरान कन्या राशि में बुध, केतु और सूर्य रहेंगे. राहु की सीधी दृष्टि इन सभी ग्रहों पर रहने वाली है.

ज्योतिष के ग्रंथ बृहत्संहिता में ग्रहण के बारे में भविष्यवाणियां की गई हैं. इस ग्रंथ में लिखा है कि जब-जब एक ही महीने में दो ग्रहण एक साथ होते हैं, तब-तब दुनिया में हादसों की वजह से जनहानि होती है. 

2 अक्टूबर को दूसरा सूर्य ग्रहण
ज्योतिषाचार्य डा.अनीष व्यास ने बताया कि साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर को होगा. यह भी भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा. साल का आखिरी सूर्य ग्रहण एक वलयाकार ग्रहण होगा. यह तब होता है जब पृथ्वी और सूर्य के बीच चंद्रमा हो, लेकिन इसकी दूरी धरती से दूर हो. धरती से दूर होने के कारण चंद्रमा छोटा दिखता है. इस कारण यह इतना बड़ा नहीं होता कि पूरे सूर्य की किरणों को रोक ले. इस वजह इसके चारों ओर एक रिंग जैसी आकृति दिखाई देती है. इस सूर्य ग्रहण का ज्यादातर पथ प्रशांत में होगा. दक्षिण अफ्रीका के चिली और अर्जेंटीना में यह एकदम साफ दिखेगा.

सूर्य ग्रहण समय:  2 अक्टूबर की रात्रि 09:13 मिनट से मध्य रात्रि 03:17 मिनट पर समाप्त होगा 
सूर्य ग्रहण की कुल अवधि: 6 घंटे 04 मिनट 

कहां-कहां दिखेगा साल का दूसरा सूर्य ग्रहण
यह ग्रहण दक्षिण अमेरिका, उत्तरी-अमेरिका के दक्षिणी भागों, प्रशान्त महासागर, एटलांटिक महासागर और न्यूजीलैंड, फिजी आदि देशों में कुछ समय के लिए दिखाई देगा. दिखाई देने वाले मुख्य देश होंगे-चिली, अर्जेंटीना, ब्राज़ील, मैक्सिको, पेरू, न्यूजीलैंड और फिजी में हालांकि, यहां भी बहुत कम समय के लिए दिखाई देगा. इस ग्रहण की कंकण कृति केवल दक्षिणी चिली और दक्षिणी अर्जन्टीना में ही दिखाई देगी.

भारत में मान्य नहीं होगा सूतक काल
 सूर्य ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले इसका सूतक काल शुरू हो जाता है और ग्रहण लगने के बाद तक रहता है, लेकिन यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं देखा जा सकेगा, इसलिए यहां पर इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा. 

रिंग ऑफ फायर
जैसे पृथ्वी सूर्य के चारों ओर परिक्रमा लगाता है वैसे ही चद्रंमा सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाता है. वहीं चंद्रमा पृथ्वी के चारों ओर परिक्रमा लगाता है. कई बार होता है कि चंद्रमा परिक्रमा करते हुए सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है. जिस वजह से चंद्रमा कुछ समय के लिए सूर्य के प्रकाश को धरती पर आने से रोक देता है, इस घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है. इस दौरान पृथ्वी पर चंद्रमा की परछाई देखने को मिलती है. दरअसल, वलयाकर सूर्य ग्रहण में चंद्रमा धरती से दूर होता है और सूर्य को पूरी तरह से ढक नहीं पाता है. इससे आकाश में आग की रिंग दिखाई देने लगती है. इसे रिंग ऑफ फायर का नाम दिया गया है.

प्राकृतिक आपदाओं की आशंका
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि प्राकृतिक आपदा के साथ अग्नि कांड भूकंप गैस दुर्घटना वायुयान दुर्घटना होने की संभावना.  पूरे विश्व में राजनीतिक अस्थिरता यानि राजनीतिक माहौल उच्च होगा. पूरे विश्व में सीमा पर तनाव शुरू हो जायेगा. रोजगार के क्षेत्रों में वृद्धि होगी. आय में बढ़ोतरी होगी. देश की अर्थव्यवस्था के लिए शुभ रहेगा. खाने की चीजों की कीमतें सामान्य रहेंगी. दुर्घटनाएं आगजनी आतंक और तनाव होने की संभावना. आंदोलन धरना प्रदर्शन हड़ताल, बैंक घोटाला, वायुयान दुर्घटना, विमान में खराबी, शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव होगा. राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप ज्यादा होंगे. सत्ता संगठन में बदलाव होंगे. मनोरंजन फिल्म खेलकूद एवं गायन क्षेत्र से बुरी खबर मिलेगी. बड़े नेताओं का दुखद समाचार मिलने की संभावना.