VIDEO: राजस्थान यूनिवर्सिटी की अनोखी पहल, दुर्घटना पर घायल और मौत होने पर मिलेगी ये राशि, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: राजस्थान विश्वविद्यालय देश का एकमात्र ऐसा विश्वविद्यालय बन गया है जिसमें किसी भी छात्र के दुर्घटना में घायल होने पर 1 लाख रुपए की राशि और दुर्घटना में मृत्यु होने पर परिवारजन को 10 लाख रुपए की राशि दी जाएगी. देश के किसी भी विश्वविद्याल में इस तरह की कोई भी व्यवस्था नहीं है, आज राजस्थान विवि के कुलपति सचिवालय में विश्वविद्यालय और इंश्योरेंस कंपनी के बीच इस योजना को लेकर एमओयू साइन हुआ.

राजस्थान विवि की छात्रों को देखते हुए अभिनव पहल:
-राजस्थान विवि के पीआरओ भूपेंद्र शेखावत ने बनाया था ये प्रपोजल
-सन 2005 में छात्रों के लिए बनाया गया था ये प्रपोजल
-उस वक्त दुर्घटना में घायल होने पर 70 हजार और मृत्यु पर 7 लाख रुपए दिए जाते थे
-लेकिन अब ये राशि घायल होने पर 1 लाख और मृत्यु पर 10 लाख कर दी

सन 2005 में राजस्थान विश्विविद्यालय के पीआरओ भूपेंद्र शेखावत ने छात्र-छात्राओं को देखते हुए ये प्रपोजल तैयार किया था जिसमें विश्वविद्याल के किसी भी छात्र के दुर्घटना में घायल होने या मृत्यु होने पर उसको आर्थिक सहायता के तौर पर राशि तय की गई. इस योजना के तहत छात्र से मात्र 100 रुपए लिए जाते थे जिसमें घायल होने की स्थिती में 70 हजार और मृत्यु होने की स्थिती में 7 लाख रुपए  उसके परिजनों को दिए जाते रहे है. 2005 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वंसुधरा राजे ने भी पीआरओ की इस योजना को सराहनीय कदम बताया था.

2005 में राजस्थान विवि में शूरू हुई थी ये योजना:
-इस योजना के तहत अभी तक छात्र-छात्राओं को दी जा चुकी 1 करोड़ 15 लाख की राशि
-दुर्घटना में घायल या मृुत्यु होने पर उनके परिवारजन को दी गई ये राशि
-राजस्थान विवि के करीब 27 हजार स्टूडेट्स इस योजना से हो रहे कवर

राजस्थान विश्वविद्याल में मौजूदा वक्त में करीब 27 हजार छात्र छात्राएं मौजूद है जिनमें राजस्थान यूनिवर्सिटी के संघटक कॉलेज महाराजा, महारानी, कॉमर्स कॉलेज और राजस्थान कॉलेज शामिल है. अभी तक इस योजना के तहत 2005 से करीब 1 करोड़ 15 लाख रुपए की राशि छात्र-छात्राओं को घायल और मृत्यु होने पर उनके परिजनों को दी जा चुकी है.यूनिवर्सिटी की ओर से आज 25 लाख रुपए  का चैक इश्योरेंस कंपनी को दिया गया.आगामी दिनों में ये राशि बढाने पर भी विचार किया जाएगा. राजस्थान विवि की ये अभिनव पहल छात्र-छात्राओं और उनके परिवार के लिए बेहद उपयोगी साबित हो रही है. आशा है कि राजस्थान विवि की इस पहल का अन्य राज्य भी अनुसरण करेंगे.