जयपुर: अंता विधानसभा उपचुनाव की जंग जीतने के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों ने जोर लगा रखा है. कांग्रेस ने चुनाव जीतने के लिए इस बार माइक्रो मैनेजमेंट की रणनीति का सहारा लिया है. कांग्रेस की नजर हर बूथ औऱ हर वोट को साधने पर रहेगी. इसकी मॉनिटरिंग के लिए फिलहाल 36 नेताओं को जिम्मेदारी दी गई है. जल्द ही हर कास्ट के वोट मैनेज करने के लिए पीसीसी और नेताओं की भी ड्यूटी लगाएगी.
त्रिकोणीय मुकाबले में फंसी अंता विधानसभा उपचुनाव का दंगल जीतने के लिए कांग्रेस हर रणनीति को अपना रही है. लेकिन इस बार कांग्रेस का पूरा फोकस बूथ मैनेजमेंट पर है. इसके लिए पार्टी ने विशेष प्लान तैयार किया है. वॉर रुम की निगरानी में हर बूथ हर वोट को मैनेज करने की योजना बनाई गई है. कांग्रेस पार्टी की इसके पीछे रणनीति है कि हर कास्ट के मतदाताओं से मतदान तक हर हाल में संपर्क किया जाए औऱ उसे उम्मीदवार के पक्ष में मतदान के लिए कैसे भी लुभाया जाए.
-अंता विधानसभा उपचुनाव की जंग
-कांग्रेस ने चुनाव जीतने के लिए बनाया खास प्लान
-माइक्रो मैनेजमेंट औऱ बूथ मैनेजमेंट पर कांग्रेस का विशेष फोकस
-हर बूथ और हर वोट को साधने की कांग्रेस ने बनाई रणनीति
-पीसीसी वॉर रुम इस टास्क की कर रहा है निगरानी
-मॉनिटरिंग के लिए 36 नेताओं को दी जिम्मेदारी
-जल्द अलग-अलग कास्ट के नेताओं की भी लगेगी उप चुनाव में ड्यूटी
-जातीय आधार पर वोटरों को टर्न करने का कांग्रेस करेगी प्रयास
-हर नेता को बूथ वाइज वोटों की दी जाएगी लिस्ट
-फिर हर दिन के होमवर्क को वॉर रुम को देनी होगी रिपोर्ट
कांग्रेस अंता सीट निकालने के लिए हरसंभव प्रयास करेगी. संगठन सृजन अभियान के तहत निचले स्तर पर लगाए गए नगर अध्यक्ष, मंडल अध्यक्ष वार्ड अध्यक्ष और बूथ अध्यक्ष को भी इस मिशन में लगा दिया गया है. जल्द प्रत्याशी द्वारा की गई रेकमंड पर कास्ट वाइज नेताओं की बूथ मैनेजमेंट को साधने की ड्यूटी लगाई जाएगी. चुनाव प्रभारी लगातार फिर इन नेताओं से फीडबैक लेकर फिर वॉर रुम औऱ प्रदेश नेतृत्व को फॉरवर्ड करेंगे.
इसके अलावा जल्द दिग्गज नेता भी अंता उपचुनाव में प्रचार करेंगे. अशोक गहलोत, गोविंद डोटासरा, टीकाराम जूली और सचिन पायलट जल्द अंता में चुनावी सभा को संबोधित करेंगे. एक नवम्बर से अंता उपचुनाव का प्रचार परवान चढ जाएगी. अब देखते है कि अंता उपचुनाव में कौनसा सियासी दल बाजी मारता है.