जयपुर : अंता विधानसभा उपचुनाव-2025 को लेकर ECI ने चुनावों में AI-जनित सामग्री के दुरुपयोग पर रोक लगाई है. पारदर्शिता व जवाबदेही सुनिश्चित करने हेतु नए निर्देश जारी किए हैं. ECI ने स्पष्ट किया है कि ऐसी सामग्री चुनावी अखंडता, मतदाता विश्वास और समान अवसर के सिद्धांतों के लिए गंभीर खतरा है. आयोग के ताजा परामर्श में कहा गया है कि तकनीकी साधनों से तैयार या संशोधित की गई कृत्रिम सामग्री वास्तविकता का भ्रम पैदा करती है.
जिससे मतदाता गुमराह हो सकते हैं और चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता प्रभावित हो सकती है. इसी को ध्यान में रखते हुए आयोग ने संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत अपने अधिकारों का उपयोग करते हुए यह परामर्श जारी किया है. ताकि चुनावी प्रचार में पारदर्शिता और जवाबदेही बनी रहे. निर्वाचन आयोग ने यह भी स्मरण कराया है कि सभी राजनीतिक दलों व प्रत्याशियों को कड़ाई से पालन करना अनिवार्य है.
IT नियम, 2021 (IT Rules, 2021) और आयोग द्वारा पूर्व में जारी दिशा-निर्देशों का पालन हो. 6 मई, 2024 और 16 जनवरी, 2025) का कड़ाई से पालन करना अनिवार्य है. निर्वाचन आयोग ने प्रमुख निर्देश दिए हैं कि एआई या डिजिटल रूप से संशोधित सामग्री की लेबलिंग अनिवार्य है. दृश्य सामग्री में यह लेबल दृश्य क्षेत्र के कम से कम 10% भाग को कवर करे. वीडियो में यह ऊपरी भाग (top band) पर प्रदर्शित हो ऑडियो सामग्री में यह प्रारंभिक 10% अवधि तक सुनाई दे.
ECI ने स्पष्ट किया है कि उत्तरदायी इकाई का नाम प्रदर्शित करना आवश्यक है. हर एआई-जनित सामग्री में उसके निर्माण के लिए उत्तरदायी इकाई का नाम या तो मेटाडाटा (metadata) में या कैप्शन में दर्शाया जाए. भ्रामक या अवैध सामग्री पर प्रतिबंध ऐसी कोई भी सामग्री प्रकाशित या साझा नहीं की जा सकती. जो किसी व्यक्ति की पहचान, रूप या आवाज को उसकी सहमति के बिना गलत रूप में प्रस्तुत करे. या मतदाताओं को भ्रमित करने की संभावना रखती हो.
भ्रामक सामग्री हटाने की समय सीमा है. किसी पार्टी के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर भ्रामक, एआई-जनित या कृत्रिम रूप से संशोधित सामग्री पाई जाती है तो उसे रिपोर्ट या संज्ञान में आने के 3 घंटे के भीतर हटाना अनिवार्य होगा. एआई सामग्री का अभिलेख रखना अनिवार्य है. सभी राजनीतिक दलों को अपनी एआई-जनित प्रचार सामग्री का आंतरिक अभिलेख (internal record) रखना होगा. जिसमें निर्माता का विवरण और समय-चिह्न (timestamps) शामिल हो. आयोग द्वारा मांग किए जाने पर यह अभिलेख प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा.
आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि ये सभी निर्देश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे. और सभी सामान्य एवं उपचुनावों में प्रभावी रहेंगे. निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों को चेतावनी दी है कि इन निर्देशों का उल्लंघन गंभीर चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा. किसी भी कृत्रिम रूप से निर्मित (synthetically generated) या एआई-संशोधित (AI-altered) छवि का लेबल का प्रदर्शन अनिवार्य है. ऑडियो या वीडियो पर “AI-Generated”, “Digitally Enhanced” या Synthetic Content” जैसे स्पष्ट लेबल का प्रदर्शन हो.