जयपुर: पिछले 11 साल से नगरीय विकास विभाग सेवा के अभियंताओं की कैडर स्ट्रेन्थ का रिव्यू नहीं हुआ है. इसके चलते कनिष्ठ अभियंताओं की भर्ती नहीं हो पा रही और यही हाल रहा तो पिछले चौदह साल से जो 140 अभियंता कनिष्ठ अभियंता के पद पर हैं वे इसी पद से बिना पदोन्नति के सेवानिवृत हो जाएंगे.
नगरीय विकास विभाग सेवा के अभियंता प्रदेश भर के नगर सुधार न्यासों, विकास प्राधिकरणों और आवासन मंडल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. वर्ष 2013 में ही इस कैडर स्ट्रेन्थ को रिव्यू किया गया था. इसके बाद 11 साल बीत चुके हैं. लेकिन यूडीएच सेवा के अभियंताओं की कैडर स्ट्रेन्थ का रिव्यू नहीं हुआ. आपको सबसे पहले बताते हैं कि यूडीएच सेवा के अभियंताओं की मौजूदा कैडर स्ट्रेन्थ क्या है और इस कैडर स्ट्रेन्थ में रिव्यू क्यों जरूरी है?
-यूडीएच सेवा के अभियंताओं की मौजूदा कैडर स्ट्रेन्थ में मुख्य अभियंता के 7 पद,
-अतिरिक्त मुख्य अभियंता के 4,अधीक्षण अभियंता के 15,अधिशासी अभियंता के 68
-सहायक अभियंता के 108 और कनिष्ठ अभियंताओं के 513 पद स्वीकृत हैं
-इस प्रकार कैडर स्टेन्थ में कुल 715 पद स्वीकृत हैं
-वर्ष 2013 में इस कैडर स्ट्रेन्थ का रिव्यू किया गया था
-इसके बाद प्रदेश में कोटा,उदयपुर,बीकानेर और भरतपुर नगर सुधार न्यासों को प्राधिकरण बना दिया गया
-प्राधिकरण बनने के यहां अभियंताओं के पदों को बढ़ाया जाना जरूरी है
-जेडीए में कनिष्ठ अभियंताओं के 289 पद स्वीकृत हैं
-इसमें से 75 पदों पर ही अभियंता काम कर रहे हैं, शेष पद स्वीकृत है
-जबकि कनिष्ठ अभियंता किसी भी प्रोजेक्ट या विकास कार्य की मौके पर मॉनिटरिंग के लिए जिम्मेदार है
-जबकि जेडीए की ओर से कराए जा रहे अन्य विकास कार्यों के अलावा बजट में घोषित करीब 22 सौ करोड़ रुपए की लागत के प्रोजेक्ट्स भी क्रियान्वित किए जाने हैं
-जेडीए में कनिष्ठ अभियंता का कैडर डाइंग कैडर है,इसलिए खाली पद यूडीएच सेवा के अभियंताओं से ही भरे जाने हैं
-जबकि यूडीएच सेवा में कनिष्ठ अभियंताओं के स्वीकृत 513 पदों में से 160 पदों पर ही अभियंता काम कर रहे हैं
-विशेषज्ञों के अनुसार प्रदेश के शहरों के विकास के लिए जरूरी है कि यूडीएच सेवा के अभियंताओं के कैडर स्ट्रेन्थ को रिव्यू किया जाए
-इन्हीं विशेषज्ञों के अनुसार वर्तमान में इस कैडर स्ट्रेन्थ में शामिल विभिन्न पदों का आपसी अनुपात सही नहीं हैं
-राज्य की प्रमुख सेवाओं की तर्ज पर मुख्य अभियंता से लेकर कनिष्ठ अभियंता तक के पदों में 1:3:7:14:25 का अनुपात होना चाहिए
नगरीय विकास विभाग सेवा के अभियंताओं के कैडर स्ट्रेन्थ रिव्यू नहीं होने से शहरों के विकास पर तो प्रतिकूल असर पड़ ही रहा है. वहीं इसके चलते फील्ड में काम कर रहे अभियंताओं की मनोबल भी प्रभावित हो रहा है. आपको बताते हैं कि यूडीएच सेवा के अभियंताओं की कैडर स्ट्रेन्थ का रिव्यू नहीं होने से क्या हो रहा है असर?
-यूडीएच सेवा के कनिष्ठ अभियंताओं की भर्ती वर्ष 2010 में हुई थी.
-पिछले 14 सालों से इन पदों पर दुबारा भर्ती नहीं की गई
-जबकि इन 14 सालों में प्रदेश के शहरों का विस्तार भी हुआ है
-इसके चलते नगरीय निकायों की विकास की जिम्मेदारी भी पहले से काफी बढ़ गई
-कनिष्ठ अभियंताओं के 350 पदों पर भर्ती के लिए नगरीय विकास विभाग ने कवायद शुरू की थी
-स्वीकृति के लिए मामला जब वित्त विभाग को भिजवाया गया
-तो वित्त विभाग ने कहा पहले यूडीएच सेवा के अभियंताओं की कैडर स्ट्रेन्थ का रिव्यू किया जाएग
-इसके बाद ही भर्ती की स्वीकृति के लिए प्रस्ताव भेजा जाए
-भर्ती नहीं होने से यूडीएच सेवा और प्रदेश के सबसे प्राधिकरण जेडीए में कनिष्ठ अभियंताओं के कई पद खाली हैं
-माउंट आबू यूआईटी में कनिष्ठ अभियंता,सहायक अभियंता और अधिशासी अभियंता के पद अतिरिक्त कार्यभार के भरोसे हैं
-यूडीएच सेवा के कनिष्ठ अभियंता उपलब्ध नहीं होने के चलते नगर परिषद के अभियंताओं को इन पदों का अतिरिक्त कार्यभार दे रखा है
-यहीं हाल जैसलमेर यूआईटी के अधिशासी अभियंता और सहायक अभियंता के पदों का है
-वर्ष 2010-11 में जिन 288 अभियंताओं की भर्ती कनिष्ठ अभियंताओं के पद पर हुई थी
-कैडर स्ट्रेन्थ का रिव्यू नहीं होने के कारण इनमें से 160 अभियंता है जो चौदह साल बाद भी कनिष्ठ अभियंता के पद पर ही हैं
-और अगर यही हाल रहे तो इनमें से 140 अभियंता ऐसे होंगे जो इसी पद पर सेवानिवृत हो जाएंगे
-अभियांत्रिकी कार्यों से संबंधित विभाग पीडब्लूडी,सिंचाई विभाग और जलदाय विभाग में भावी आवश्यकता को देखते हुए कैडर स्ट्रेन्थ रिव्यू किया जा चुका है
-इन विभागों में पिछले चौदह सालों में दो से तीन बार भर्ती की जा चुकी है
-यूडीएच से ही मिलते-जुलते स्वायत्त शासन विभाग सेवा के अभियंताओं की कैडर स्ट्रेन्थ का समय-समय पर रिव्यू होता रहा है