जयपुरः पूर्ववर्ती सरकार के समय के विवादित 237 करोड़ से अधिक के बिजली टेण्डर अब एसीबी की जांच के दायरे में आ गए है. जयपुर डिस्कॉम प्रशासन ने काफी अधिक दर पर GSS निर्माण समेत तीन अलग-अलग प्रकरणों की पड़ताल में बड़ा करप्शन माना है, जिसके चलते अब एसीबी को 17 ए में जांच की अनुमति दे दी है. इसके साथ ही पांच वरिष्ठ अधिकारियों को चार्जशीट थमाई गई है, जबकि फर्मों के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराने की तैयारी है.
भाजपा सरकार के सत्ता संभालने के साथ ही चर्चाओं में आए जयपुर डिस्कॉम के करोड़ों रुपए के टेण्डरों की जांच आखिरकार पूरी हो गई है. डिस्कॉम सीएमडी आरती डोगरा ने तीन अलग अलग प्रकरणों में जांच के दौरान कई तरह की वित्तीय अनियमिताएं पकड़ी है, जिसमें सर्वाधिक गंभीर मामला बूट मॉडल पर जीएसएस निर्माण के टेण्डर को माना गया है. जांच में माना गया है कि बगैर वित्तीय प्रावधानों के ये टेण्डर फाइनल किए गए. इसमें 246 % अधिक रेट पर जीएसएस निर्माण का काम आरसी एंटरप्राइजेंज को दिया गया है. ऐसे में पूरे प्रकरण की विस्तृत जांच के लिए एसीबी को 17ए में जांच के लिए अनुमति जारी की गई है. इसके साथ ही इस पूरे मामले में विवादों में चल रही फर्म आरसी एण्टरप्राइजेज को भी नोटिस दिया गया है. लेकिन हाईकोर्ट के निर्देशों की पालना में अब प्रशासन विधिक राय के मुताबिक आगे एक्शन लेने की तैयारी में है
एबी एंटरप्राइजेट की बढ़ेगी मुश्किलें !
जयपुर डिस्कॉम में पूर्ववर्ती सरकार के समय हुए टेण्डरों से जुड़ी खबर
डिस्कॉम सीएमडी आरती डोगरा ने जांच रिपोर्ट के आधार पर लिया एक्शन
तत्कालीन वित्तीय निदेशक एसएम माथुर, जोनल चीफ इंजीनियर आर के मीणा,
एसीई एमएम अनिल गुप्ता,एसीई PPM उमेश गुप्ता व SE केसी शर्मा को चार्जशीट
साथ ही टीएन 534-535 में फर्जी दस्तावेज पेश करने वाली फर्म पर भी कार्रवाई के निर्देश
करीब 3.26 करोड की धरोहर राशि लौटाने के मामले में फर्म पर एफआईआर के निर्देश
डोगरा ने फर्म के खिलाफ आरटीपीपी एक्ट में भी सख्त कार्रवाई के दिए निर्देश
डिफेक्टिव मीटर नहीं बदलने वाली फर्म पर अब होगा एक्शन !
जयपुर डिस्कॉम में पूर्ववर्ती सरकार के समय के विवादित मामलों से जुड़ी खबर
डिस्कॉम सीएमडी आरती डोगरा ने जांच रिपोर्ट के आधार पर लिया एक्शन
डिफेक्टिव मीटर प्रकरण में फर्म एवन मीटर के विरूद्ध कार्रवाई के लिए मांगी राय
विधिक राय लेने के बाद फर्म एवन मीटर के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई
फर्म पर गारंटी पीरियड में डिफेक्टिव मीटर नहीं बदलने पर लगाई गई थी पैनल्टी
करीब साढ़ तीन करोड की पेनल्टी को पूर्ववर्ती सरकार के समय किया गया काफी कम
बिना किसी उचित आधार के खराब मीटर की संख्या को कम दर्शाकर पैनल्टी की गई कम
डिस्कॉम के इतिहास में ये पहला मौका:
डिस्कॉम प्रशासन ने भले ही पूरे प्रकरण में सख्ती दिखाते हुए एसीबी को जांच की अनुमति देने के साथ ही पांच अफसरों को चार्जशीट दे दी हो, लेकिन तत्कालीन समय के निदेशक तकनीकी पर कोई कार्रवाई नहीं करने के चलते सवाल जरूर खड़े हो रहे है. उधर, डिस्कॉम के इतिहास में ये पहला मौका है, जब कॉरपोरेट लेवल परर्चेज कमेटी यानी सीएलपीसी के निर्णय पर सवाल उठाते हुए प्रकरण को जांच के लिए एसीबी को भेजा गया है. इस तरह के सख्त एक्शन के बाद सभी टेक्नोक्रेट्स में खलबली का माहौल देखा जा रहा है.