जयपुर: सामुद्रिक शास्त्र में हथेली के तिल के भी अलग-अलग मतलब बताए गए हैं. हथेली पर जो तिल होते हैं उनकी स्थिति उसका शुभ या अशुभ होना दर्शाती है. जिस प्रकार वैदिक ज्योतिष में किसी की कुंडली के माध्यम से उसके भूत, भविष्य और वर्तमान की जानकारी ली जा सकती है, ठीक वैसे ही सामुद्रिक शास्त्र की मदद से किसी के शरीर के आकार और रंग आदि को देखकर उसके गुण, स्वभाव आदि को जाना जा सकता है. सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार किसी भी आप किसी भी व्यक्ति के शरीर की बनावट और उन पर मौजूद तिलों के आधार पर व्यक्ति का व्यक्तित्व और भविष्य पता लगाया जाता है. तिल का स्थान यह बताता है कि तिल शुभ दशा में हैं या अशुभ दशा में. सामुद्रिक शास्त्र में हथेली के तिल के भी अलग-अलग मतलब बताए गए हैं. हथेली पर जो तिल होते हैं उनकी स्थिति उसका शुभ या अशुभ होना दर्शाती है.
दाहिनी हथेली पर तिल
हस्त रेखा विशेषज्ञ ने बताया कि यदि तिल दाहिनी हथेली के ऊपरी भाग में होता है तो व्यक्ति धनवान होता है.
बाईं हथेली पर तिल
यदि तिल बाईं हथेली के ऊपरी भाग में होता है तो व्यक्ति के हाथ में पैसा नहीं रुकता. ऐसा व्यक्ति धन संचय नहीं कर पाता.
चंद्र पर्वत पर तिल
हस्त रेखा ने बताया कि यदि व्यक्ति के हाथ के चंद्र पर्वत पर तिल होता है उसका मन बहुत चंचल होता है. ऐसे लोगों की शादी में भी कई अड़चनें आती हैं.
हथेली और अंगूठे के बीच में तिल
हस्त रेखा विशेषज्ञ ने बताया कि यदि किसी व्यक्ति के हथेली और अंगूठे के बीच में तिल होता है तो ऐसा व्यक्ति कलात्मक प्रवित्ति का होता है. ऐसे व्यक्तियों का रुझान कला की ओर होता है.
बृहस्पति पर्वत पर तिल
हस्त रेखा विशेषज्ञ ने बताया कि जिन लोगों के बृहस्पति पर्वत पर तिल होत है उनकी शिक्षा अधूरी रह जाती है. सामुद्रिक शास्त्र कर अनुसार बृहस्पति पर्वत पर तिल होना अशुभ होता है.
शनि पर्वत पर तिल
जिन जातकों के शनि पर्वत पर तिल होता है उन्हें नए दोस्त बनाना काफी पसंद होता है. साथ ही वो काफी मेहनती होते हैं. शनि पर्वत पर तिल वाले व्यक्ति को मिले जुले फल प्राप्त होते हैं.
भौंहों के बीच में तिल
दोनों भौंहों के बीच में तिल होने पर व्यक्ति बहुत बुद्धिमान होता है. यह लोग अपनी बुद्धि से कार्यों में सफलता प्राप्त करते हैं.दाहिनी भौंह पर तिल होना सुखी जीवन का संकेत है जबकि बाईं तरफ का तिल खराब माना जाता है.
माथे पर तिल
माथे पर तिल का होना मनुष्य का भाग्यवान होना बताता है. जबकि होठों पर तिल कामुकता का प्रतीक माना जाता है. तिल अगर स्त्री के शरीर पर बाएं भाग और पुरुष के दाएं भाग पर है तो ये शुभ माना जाता है.
बाएं गाल और नाक पर तिल
स्त्रियों के बाएं गाल पर तिल हो तो ये शुभ माना जाता है. उस जातक के अच्छी संतान होती है. यदि तिल नाक के आगे वाले हिस्से में होता है तो स्त्री को सुख मिलता है. नाक के दाहिनी तरफ तिल कम कोशिशों के साथ अधिक लाभ देता है. जबकि बाईं तरफ का तिल अशुभ प्रभाव देता है. वहीं ठोड़ी पर तिल होना शुभ माना जाता है.
आंख के आसपास तिल
बाईं आंख के ठीक नीचे तिल हो तो वो व्यक्ति कामुक स्वभाव के होते हैं. इनके जीवन साथी को इस स्वभाव का असर दिखाई देता है. जिन लोगों की बाईं आंख की पलक पर तिल है तो समझ लें कि वह दिमाग में बहुत तेज है. ऐसे लोग मुश्किलों से सामना करके बहुत सफल होते हैं.
गाल की हड्डी पर तिल
जिन लोगों के दाहिने गाल की हड्डी पर तिल होता है, वह लोग भावुक होते हैं. भावुक होने के कारण वो कई बार परिस्थितियों में फंस जाते हैं.
तिल के आकार का भी महत्व
तिल के आकार का भी बहुत महत्व होता है. बड़े तिल व्यक्ति के जीवन में खास महत्व रखते हैं. लंबे तिल सामान्य अच्छे परिणाम देते हैं. सिर पर दाईं और तिल हो तो व्यक्ति को ऐश्वर्य और सुख भाग्य की प्राप्ति होती है. ज्योतिष शास्त्र की मानें तो किसी भी व्यक्ति के शरीर पर 12 से ज्यादा तिल होना अच्छा नहीं माना जाता है. शरीर पर तिलों को लेकर अलग-अलग धारणाएं हैं. ये भी कहा जाता है कि शरीर के जिस हिस्से पर तिल होता है वो उसके पूर्व जन्म में लगी किसी चोट का होता है.
हथेली के अशुभ तिल
हथेली के शुक्र पर्वत पर तिल का होना अच्छा नहीं माना जाता है. इससे व्यक्ति के विचारों की पवित्रता खत्म हो जाती है. और ऐसे लोगों का वैवाहिक जीवन मुश्किल भरा रहता है. मंगल पर्वत पर तिल का होना जीवन में होने वाली दुर्घटनाओं का संकेत देता है. साथ ही इस स्थान पर तिल होना संपत्ति में नुकसान की भी सूचना देता है. बुध पर्वत पर तिल होना अचानक से होने वाले नुकसान का संकेत देता है. इसलिए ऐसे लोगों को आर्थिक मामलों में संभलकर चलने की जरूरत होती है.