जयपुरः राजस्थान में धर्मांतरण विरोधी कानून लागू हुआ है. गृह विभाग की ओर से सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए गए है. अपने स्तर पर अधिनियम के पालन के लिए आवश्यक तैयारी और जन-जागरूकता सुनिश्चित करें. गृह विभाग ने अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए पुलिस विभाग को विशेष निर्देश जारी किए है. इसमें कहा गया है कि धर्म परिवर्तन से संबंधित मामलों की जांच निष्पक्ष, पारदर्शी और कानूनी दायरे में की जाए.
कानून का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति या संस्था के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी. राज्य सरकार का कहना है कि यह कानून किसी धर्म विशेष के खिलाफ नहीं है. बल्कि सामाजिक सौहार्द्र और धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा के उद्देश्य से बनाया गया है.
एक नई कानूनी रूपरेखा तैयार हो गईः
इस अधिनियम के अंतर्गत यदि कोई व्यक्ति धोखे, प्रलोभन, दबाव या झूठे वादों के माध्यम से धर्म परिवर्तन कराता है तो उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई होगी. अधिनियम के लागू होने से अब राज्य में धर्मांतरण संबंधी मामलों पर नियंत्रण की दिशा में एक नई कानूनी रूपरेखा तैयार हो गई. सरकार का दावा है कि इससे प्रदेश में साम्प्रदायिक सद्भाव को बनाए रखने में मदद मिलेगी और धर्म के नाम पर हो रहे अनुचित प्रयोगों पर अंकुश लगेगा.