आज 75 साल को हुयो आन-बान-शान वाळो आपणो राजस्थान, राज्यपाल ने कहा- राज्य में स्वतंत्रता का बीज कभी मुरझाया नहीं

आज 75 साल को हुयो आन-बान-शान वाळो आपणो राजस्थान, राज्यपाल ने कहा- राज्य में स्वतंत्रता का बीज कभी मुरझाया नहीं

जयपुरः आज 75 साल को हुयो "आन-बान-शान वाळो आपणो राजस्थान. आज राजस्थान स्थापना दिवस के रूप मनाया जा रहा है. इस खास मौके पर राज्यपाल कलराज मिश्र का विशेष लेख. उन्होंने कहा कि भक्ति और शक्ति की सांस्कृतिक धरा-राजस्थान है. राजस्थान में स्वतंत्रता का बीज कभी मुरझाया नहीं है. राजस्थान नाम ही मन में गौरव की अनुभूति कराने वाला है'. 

साहित्य, कला और संस्कृति में भी बेहद संपन्न है. भौगोलिक परिस्थितियों में भी यहां के लोगों ने उत्सवधर्मिता का जीवन जिया है. यह दिवस सद्भाव की हमारी संस्कृति को सहेजने का है. आईए, हम सभी मिलकर प्रयास करें, राजस्थान आगे बढ़े और बढ़ता ही रहे. राजस्थान दिवस पर हम प्रदेश के चहुंमुखी विकास का संकल्प लेते है. 

राजस्थान शौर्य,बलिदान,स्वाभिमान,सभ्यता,समृद्ध संस्कृति की धरती है. विभिन्न रियासतों के विलय के बाद 30 मार्च 1949 को स्थापना हुई थी. सबसे पहले अलवर,भरतपुर,धौलपुर,करौली रियासतों का  एकीकरण हुआ. बाद में इसमें जयपुर, जोधपुर, जैसलमेर और बीकानेर की रियासतों का विलय हुआ. वैसे माना जाए तो कुल 7 चरण में हुआ राजस्थान का एकीकरण हुआ. जो कि 30 मार्च 1949 को पूरा हुआ था. राजस्थान नाम देने के पीछे भी एक बड़ा कारण था. 

आजादी से पहले कई रियासतें और कई राजाओं का शासन रहा. वंशानुगत शासन के बाद जब देश में लोकतंत्र लागू हुआ. तो राजाओं के स्थान के चलते प्रदेश का नामकरण राजस्थान हुआ. बता दें कि गौरव गाथाओं को समेटे क्षेत्रफल में राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य