जयपुर: अंता विधानसभा उप चुनाव पर पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का फोकस है.पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने अंता में बड़ी सभाएं करने के बजाय छोटी और प्रभावी बैठकों पर फोकस कर रखा है.वे सभी 6 मंडल अध्यक्षों और उनकी टीम की बैठकें ले चुकी.प्रचार के अंतिम दौर में 268 बूथ केंद्रों की बैठकें लेने की है रणनीति. वसुंधरा राजे के बेटे और सांसद दुष्यंत सिंह यहां के चुनाव प्रभारी है.सीएम भजनलाल शर्मा के साथ वसुंधरा राजे का अंता की सरजमीं पर रोड शो हो चुका है.
पूर्व सीएम वसुंधरा राजे बिल्कुल अलग रणनीति के साथ अंता की चुनावी जमीन पर प्रचार प्रसार में जुटी है. बीजेपी उम्मीदवार मोरपाल सुमन को राजे कैंप में गिना जाता है.वसुंधरा राजे झालावाड़ बारां से कई बार सांसद रह चुकी , अभी उनके बेटे दुष्यंत सिंह यहां से सांसद है और अंता में बीजेपी की चुनाव समिति के प्रभारी है.वे अभी झालरापाटन से विधायक है. दो बार राज्य की सीएम रह चुकी और हाड़ौती की प्रभावी नेता.राजे को बीजेपी के देश के सबसे प्रभावी नेताओं में गिना जाता है और उनके कुछ दिन आने से ही झालावाड़ बारां के क्षेत्र के विधानसभा क्षेत्रों में कमल खिल जाता है.लेकिन अंता में उनके प्रचार की रणनीति कुछ अलग है.
वसुंधरा राजे और अंता विधानसभा चुनाव:
-वसुंधरा राजे का फोकस छोटी बैठकों पर
-छह मंडलों की बैठक ले चुकी राजे
-मंडल कार्यकारिणी की बैठके ले चुकी
-268 बूथ केंद्रों की बैठकें लेने की रणनीति
-स्थानीय जनसंघ और बीजेपी के पुराने नेताओं की बैठकें ली
-अंता में बीजेपी की चार लेयर रणनीति पर कार्य कर रही राजे
-शक्ति केन्द्रों की मजबूती पर बल
-प्रभारी और प्रवासियों की अलग से बैठके ली राजे ने
आक्रामक प्रचार और बड़ी जनसभाओं के बजाय वसुंधरा राजे ने अलग रणनीति पर फोकस किया.इसके पीछे कारण भी साफ है चुनावी त्रिकोणीय है.सामाजिक राजनीति को साधना है. बीजेपी का चेहरा नया है लिहाजा वसुंधरा राजे ने पूरे चुनाव को डोर टू डोर कैंपिंन और सोशल इंजीनियरिंग से जोड़ दिया.अंता में सीएम भजनलाल शर्मा और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ के साथ साझा रोड शो होगा इसके पीछे की रणनीति भी टीम वसुंधरा राजे ने बनाई थी.