जयपुर रिंग रोड फेज-2 के लिए 5 हजार करोड़ रुपए की मंजूरी, जोधपुर एलिवेटेड रोड को भी मिली हरी झंडी

जयपुर रिंग रोड फेज-2 के लिए 5 हजार करोड़ रुपए की मंजूरी, जोधपुर एलिवेटेड रोड को भी मिली हरी झंडी

जयपुर: केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने जयपुर रिंगरोड के द्वितीय चरण के लिए 5 हजार करोड़ की मंजूरी देने की घोषणा की है. रिंग रोड परियोजना के अंतर्गत 92 किलोमीटर के 6 लेन ग्रीनफील्ड हाईवे का काम 3 महीने में प्रारम्भ किया जाएगा. गडकरी सोमवार को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की उपस्थिति में उदयपुर में 2500 करोड़ रूपए से अधिक की लागत की 17 सड़क परियोजनाओं के लोकार्पण-शिलान्यास समारोह सहित विभिन्न कार्यक्रमों में सम्बोधित कर रहे थे. उन्होंने इस अवसर पर जोधपुर एलिवेटेड रोड परियोजना को मंजूरी देने की घोषणा भी की. उन्होंने कहा कि राजस्थान में राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास से यहां के सीमेंट, मार्बल और अन्य उद्योगों का तेजी से विकास होगा और राज्य प्रगति की नई ऊंचाइयों को छुएगा. गडकरी ने कहा कि राज्य सरकार राजस्थान को रेलवे फाटक मुक्त बनाने की दिशा में योजना तैयार करे, केन्द्र सरकार इसमें पूरी मदद करेगी.

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री ने कहा कि वर्तमान समय में हमें प्रदूषण फैलाने वाले परंपरागत ईंधन को छोड़कर बॉयो-डीजल जैसे वैकल्पिक ईंधन को अपनाने की आवश्यकता है. इसी क्रम में शीघ्र ही दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस-वे हाईवे पर इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी. इन बसों में यात्रा सुविधाजनक होगी और किराया डीजल बसों की तुलना में 30 फीसदी कम होगा. उन्होंने कहा कि जयपुर-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर किशनगढ़ से दिल्ली के बीच मरम्मत का कार्य 1500 करोड़ रुपये की लागत से करवाया जा रहा है. यह कार्य जून, 2024 तक पूरा हो जाएगा. जयपुर-धौलपुर वाया कोथून-लालसोट-करौली की 93 किमी. लम्बी सड़क का कार्य 150 करोड़ रूपये की लागत से करवाया जा रहा है, जो जून-2024 तक पूरा हो जाएगा. इसी प्रकार 2000 करोड़ रूपये की लागत से 105 किमी के जोधपुर रिंग रोड का कार्य भी शीघ्र पूरा कर लिया जाएगा.

गडकरी ने कहा कि शहरी क्षेत्र की तरह ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्रों में भी आर्थिक प्रगति होनी चाहिए, इसलिए केंद्र सरकार जनजातीय क्षेत्रों में भी सड़क तंत्र के विकास और सुदृढ़ीकरण पर विशेष ध्यान दे रही है. उन्होंने कहा कि उदयपुर में 900 करोड़ रूपये की लागत से 23 किलोमीटर के 6 लेन बाईपास ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे का निर्माण पूरा होने से उदयपुर शहर को अहमदाबाद जाने वाले ट्रेफिक के दबाव से निजात मिली है. उन्होंने कहा कि उदयपुर-चितौडगढ़ हाईवे का काम पूरा होने से भी आवागमन में राहत मिलेगी. उन्होंने कहा कि नाथद्वारा-चारभुजा वाया हल्दीघाटी, कुम्भलगढ़ 2 लेन सड़क, देवल-डूंगरपुर-सागवाड़ा सड़क का कार्य भी 2024 में पूरा हो जाएगा. करीब 800 करोड़ रूपये की लागत से ब्यावर-गोमती 4 लेन हाईवे का कार्य जून-2024 तक पूरा हो जाएगा.

जालोर-सांडेराव 41 किमी सड़क का कार्य 411 करोड़ रूपये की लागत से दिसम्बर-2024 तक पूरा करवा लिया जाएगा. इसी प्रकार झालावाड़-उज्जैन 134 किमी सड़क, गंगानगर-रायसिंहनगर की 102 किमी सड़क एवं बाड़मेर-गागरिया 70 किमी 2 लेन सड़क का कार्य 2024 में पूरा हो जाएगा. अजमेर-नागौर सड़क पर 255 करोड़ रूपये की लागत से 4 बाईपास का निर्माण सहित उन्नयन कार्य भी 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा. बड़ौदामेव-पनियाला 6 लेन एक्सप्रेस-वे एवं हनुमानगढ़-केंचिया के बीच 50 किमी 2 लेन सड़क का कार्य 2025 तक पूरा हो जाएगा. उन्होंने कहा कि प्रतापगढ़-नीमच-चित्तौड़गढ़ ​की कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए 100 किमी सड़क की डीपीआर शीघ्र बनवाई जाएगी.

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे से प्रदेश में औद्योगिक विकास को मिलेगी गति
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश और प्रदेश 21वीं सदी की ओर अग्रसर है. डबल इंजन की सरकार से प्रदेश में विकास की गति चौगुनी हुई है. उन्होंने कहा कि 2500 करोड़ रुपए से अधिक की सड़कों एवं राजमार्गों के लोकार्पण एवं शिलान्यास से प्रदेश का सड़क तंत्र सुदृढ़ होगा.

मुख्यमंत्री ने गडकरी को जयपुर की रिंग रोड के द्वितीय फेज स्वीकृत करने के लिए धन्यवाद दिया. साथ ही उन्होंने केंद्रीय मंत्री को अलवर, भरतपुर, सांचौर एवं टोंक जिलों में आरओबी स्वीकृत करने के लिए आभार व्यक्त किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पूरा होने से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और आर्थिक राजधानी मुंबई से प्रदेश की दूरी कम होगी. इससे प्रदेश में औद्योगिक विकास को गति मिलेगी और रोजगार को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने कहा कि जयपुर-बांसवाड़ा- रतलाम हाईवे के निर्माण से प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र तो विकसित होगा ही साथ ही, खनन उद्योग को भी गति मिलेगी.