VIDEO: आजादी की उड़ान, पतंगों ने काटे थे जिन परिंदों के पर... उन्होंने फिर भरी परवाज, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर : गणतंत्र दिवस के अवसर पर आसमान में एक विशेष दृश्य देखने को मिला, जब 200 से अधिक पक्षियों ने आज़ादी की परवाज भरी. यह दृश्य उस संघर्ष का प्रतीक था, जो इन पक्षियों ने मकर संक्रांति के दौरान पतंगबाजी के कारण झेले थे. चाइनीस मांझे के हमले से घायल होने के बाद इन पक्षियों को नई जिंदगी मिल पाई, और गणतंत्र दिवस पर उन्हें आकाश में फिर से उड़ते देखना सभी के लिए भावुक पल था.

मकर संक्रांति के दिनों में पतंगबाजी के दौरान 800 से अधिक पक्षी मांझे से घायल हो गए थे. यह वह समय था जब चाइनीस मांझे के कारण पक्षियों के लिए बड़ी संख्या में खतरे पैदा हो गए थे. इन घायल पक्षियों में कई कबूतर, कमेडी, चील, पेराकीट, बार्न आउल और हरियल जैसे पक्षी शामिल थे. इनका इलाज और देखभाल करने के लिए कई स्वयंसेवी संगठन मैदान में आए. गंभीर रूप से घायल इन पक्षियों का इलाज 10 से 20 दिनों तक स्वयंसेवी संगठनों के शिविरों में किया गया. इन शिविरों में वन विभाग, रक्षा संस्थान, होप एंड बियोंड, इको रेस्क्यूइर्स, मासूम केयर फाउंडेशन और अन्य कई संगठन शामिल थे, जिन्होंने 2 दर्जन से अधिक स्थानों पर शिविर लगाए. 

इन शिविरों में घायल पक्षियों को न केवल प्राथमिक चिकित्सा दी गई, बल्कि विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा उनके इलाज की प्रक्रिया पूरी की गई. यहां तक कि विदेशी चिकित्सकों ने भी इन शिविरों में निस्वार्थ सेवाएं दीं, जो सराहनीय था.  चिकित्सा उपचार के बाद इन पक्षियों की हालत में सुधार हुआ और उन्हें पूरी तरह से ठीक किया गया. इनका रिहैबिलिटेशन (पुनर्वास) बहुत अच्छे तरीके से किया गया, जिससे वे फिर से उड़ने के योग्य हो सके. गणतंत्र दिवस पर इन पक्षियों को रिहा करने का फैसला लिया गया, और जब इन्हें आकाश में छोड़ा गया, तो यह दृश्य न केवल पक्षी प्रेमियों के लिए, बल्कि सभी के लिए एक भावुक अनुभव बन गया. 200 से अधिक पक्षियों का आकाश में उड़ान भरना एक प्रतीक था. स्वतंत्रता, संघर्ष और जीवित रहने की अदम्य भावना का. 

यह घटना यह दर्शाती है कि अगर इंसान चाहे तो किसी भी संकट से उबरने की शक्ति रखता है, और यह कामयाबी प्रकृति के साथ सहयोग से ही संभव है. पक्षियों का आकाश में उड़ना, यह संदेश देता है कि जीवन के हर संघर्ष से जूझने के बाद एक नई उम्मीद और आज़ादी का रास्ता बनता है. गणतंत्र दिवस के इस अवसर पर इन पक्षियों की रिहाई ने यह साबित कर दिया कि सही देखभाल और प्रयास से हर जीवन को नई दिशा दी जा सकती है. यह घटना हमें यह भी याद दिलाती है कि हमें अपनी प्रकृति और जीवों की रक्षा करनी चाहिए, ताकि आने वाली पीढ़ियां भी इन जीवों के साथ एक संतुलित और सुखी जीवन जी सकें.