जयपुर: राजस्थान की राजधानी जयपुर में मानसून इस समय पूरे शबाब पर है. कहीं राहत की बारिश है तो कहीं मुश्किलों की बौछार. इसी बरसात के बीच एक ऐसा वीडियो सामने आया है जिसने हर संवेदनशील दिल को झकझोर दिया है. यह वीडियो भवानी सिंह रोड जयपुर के पास का है, और इसमें कैद है एक ऐसा दृश्य जो त्याग, प्रेम और ममता का जीता-जागता उदाहरण बन गया है. बारिश तेज़ है, सड़कें भीग चुकी हैं, चारों तरफ गाड़ियां रेंग रही हैं. और इसी दौरान एक मोटरसाइकिल पर एक साधारण से दिखने वाले पति-पत्नी सवार हैं, लेकिन जो असाधारण है, वो है उस महिला का भाव - उसका समर्पण.
वह महिला एक हाथ से एक बड़ा छाता थामे हुए है, जो पूरी तरह अपने पति को भीगने से बचा रहा है ताकि वह गाड़ी ठीक से चला सके. वहीं दूसरे हाथ में एक छोटा छाता है, जिससे वह जैसे-तैसे खुद को ढकने की कोशिश कर रही है. यह कोई फिल्मी दृश्य नहीं, यह मध्यमवर्गीय भारत की असल कहानी है. जहां चकाचौंध नहीं, सुविधा नहीं - लेकिन समर्पण है. जहां शब्द नहीं, लेकिन कर्म बोलते हैं. जहां महिला खुद भीगती है, पर अपने पति को भीगने नहीं देती.
यह सिर्फ एक छाते की नहीं, एक सोच की बात है -
"परिवार पहले, खुद बाद में":
आज की पीढ़ी को इस दृश्य से बहुत कुछ सीखने की ज़रूरत है. संसाधन भले ही सीमित हों, लेकिन जब मन में प्रेम हो, सेवा हो, और ममता हो -तो परिवार हर मौसम में सुरक्षित रहता है. First India News ऐसी मातृशक्ति को, इस असल नारी सशक्तिकरण को, और उस नारी को नमन करता है-जो न तो मंच पर भाषण देती है, न सोशल मीडिया पर वीडियो बनाती है… पर हर रोज़ अपने कर्मों से समाज को सिखाती है कि "नारी सिर्फ शक्ति नहीं, परिवार की रीढ़ है." "जो खुद भीग जाए, पर अपनों को बचा ले - वही होती है असली जीवनसाथी."