जयपुरः प्रमुख सचिव माइंस एवं पेट्रोलियम टी. रविकांत ने बताया है कि राज्य में माइनिंग ब्लॉकों के ऑक्शन पूर्व तैयारियों से लेकर ई-नीलामी और उसके बाद की प्रक्रियाओं का इस तरह का रोड़मैप तैयार किया जाएगा ताकि प्रभावी तरीके से कार्रवाई और समयवद्ध मोनेटरिंग सुनिश्चित हो सके. उन्होंने माइनिंग सेक्टर से राजस्व बढ़ाने के समन्वित प्रयास करने की जरूरत बताई.
प्रमुख सचिव माइंस टी. रविकांत माइंस विभाग का पदभार संभालते ही एक्सन मोड़ में आ गए हैं और उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विभागीय गतिविधियों की विस्तार से समीक्षा की. उन्होंने कहा कि प्रदेश में विपुल खनिज संपदा है. ऐसे में प्रदेश में मिनरल वाइज, जोन वाइज और ऑक्शन प्रक्रिया का स्टेज वाइज एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा ताकि समयवद्ध आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित हो सके. उन्होंने कहा कि माइनिंग ब्लॉकों के ऑक्शन के साथ ही जल्दी से जल्दी संचालन में लाने पर राज्य सरकार का फोकस रहेगा ताकि खनिज खनन, रोजगार, निवेश और राजस्व में बढ़ोतरी हो सके. टी रविकांत ने कहा कि विभागीय गतिविधियों में नवीनतम तकनीक का प्रभावी उपयोग अपनाना होगा. इसके साथ ही संपर्क पोर्टल के प्रकरणों का त्वरित निस्तारण, विधान सभा के ध्यानाकर्षण प्रस्तावों, विशेष उल्लेख और याचिकाओं का तत्काल उत्तर भेजकर शून्य स्तर पर लाने और बकाया विधानसभा प्रश्नों के प्राथमिकता से जबाव भिजवाने के निर्देश दिए.
उन्होंने अन्तरविभागीय प्रकरणों के त्वरित निस्तारण के लिए संबंधित विभागों से समन्वय बनाया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने बजट घोषणाओं की समयवद्ध क्रियान्विति पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि बकाया राजस्व वसूली में तेजी लाई जाएं. प्रमुख सचिव माइंस टी. रविकांत ने खनिज भवन का दौरा भी कर अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए. संयुक्त सचिव माइंस आशु चौधरी ने विस्तार से विभागीय गतिविधियों की जानकारी दी. बैठक में अतिरिक्त निदेशक भूविज्ञान आलोक जैन, ओएसडी श्रीकृष्ण शर्मा, एसजी सुनील वर्मा ने बताया कि इस वर्ष 100 मिनरल ब्लॉकों की नीलामी की कार्ययोजना तैयार की गई है. माइनिंग सेक्टर से प्रदेश में 6 से 8 लाख लोगों को प्रत्यक्ष व 22 से 25 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है.