जयपुर: प्रदेश में सुरा प्रेमियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. आबकारी विभाग के राजस्व आंकड़ों में बढ़ोतरी से इस बात पर मोहर भी लग रही है. उधर, विभाग का बड़े शहरों में राजस्व वसूली और शराब उठाव के आंकड़ों पर फोकस है.
प्रदेश में शराब बिक्री में जालौर और सिरोही जिला बाजी मारता रहा है, लेकिन राजधानी जयपुर और अन्य बड़े जिलों पर शराब उठाव और राजस्व वसूली पर फोकस किया जा रहा है. अधिकारियों को लगातार ताकीद किया जा रहा कि राजस्व लक्ष्यों की प्राप्ति होनी चाहिए और जो नहीं कर सकता उसे फील्ड में रहने का भी कोई अधिकार नहीं है. इसी के चलते कुछ अधिकारियों की छुट्टी भी हो चुकी है. लेकिन अब आबकारी आयुक्त शिवप्रसाद नकाते ने कई अभियान चलाकर राजस्व वसूली और अवैध शराब की रोकथाम का जिम्मा उठा रखा है.
प्रदेश में अगस्त के दौरान वसूली का प्रतिशत
जिला-----------अचीवमेंट
जालौर---------98 प्रतिशत
सिरोही--------92 प्रतिशत
जैसलमेर------85 प्रतिशत
बाड़मेर-------84 प्रतिशत
डीडवाना-कुचामन----81 प्रतिशत
कोटपूतली-बहरोड़-----81 प्रतिशत
झुंझुनूं-----------80 प्रतिशत
धौलपुर----------79 प्रतिशत
फलोदी---------79 प्रतिशत
चित्तौड़गढ़------79 प्रतिशत
बालोतरा--------78 प्रतिशत
जयपुर ग्रामीण--77 प्रतिशत
जयपुर शहर----77 प्रतिशत
अलवर---------76 प्रतिशत
डूंगरपुर--------75 प्रतिशत
नागौर---------75 प्रतिशत
बांसवाड़ा------75 प्रतिशत
खैरथल-तिजारा--75 प्रतिशत
अजमेर---------74 प्रतिशत
बीकानेर--------74 प्रतिशत
डीग------------74 प्रतिशत
सवाईमाधोपुर--73 प्रतिशत
हनुमानगढ़-----73 प्रतिशत
उदयपुर--------73 प्रतिशत
राजसमंद-------72 प्रतिशत
चूरू------------72 प्रतिशत
करौली----------71 प्रतिशत
जोधपुर---------71 प्रतिशत
भीलवाड़ा-------70 प्रतिशत
भरतपुर---------69 प्रतिशत
दौसा------------68 प्रतिशत
सीकर----------67 प्रतिशत
पाली------------65 प्रतिशत
कोटा------------65 प्रतिशत
बूंदी--------------64 प्रतिशत
झालावाड़--------63 प्रतिशत
श्रीगंगानगर------62 प्रतिशत
बारां--------------61 प्रतिशत
सलूंबर-----------61 प्रतिशत
टोंक--------------60 प्रतिशत
ब्यावर------------59 प्रतिशत
प्रतापगढ़---------57 प्रतिशत
प्रदेश में आबकारी विभाग के हिसाब से अगस्त और सितंबर का महीना डाउन माना जाता है और यही कारण है कि अगस्त के वसूली आंकड़ों में एक भी जिला 100 प्रतिशत तक नहीं पहुंचा, लेकिन अप्रेल में 13 जिलों ने 100 का आंकड़ा पार किया था, जो एक रिकार्ड भी बना था. अब अगले माह पर निगाहें हैं, जब दिवाली से पहले शराब की बिक्री में तेजी दिखाई देगी. माना तो यह भी जा रहा है कि विभाग अगस्त और सितंबर की कमी दिसंबर तक पूरी कर लेगा.
-जयपुर शहर के सात सर्किलों में शराब उठाव का गणित
-जयपुर शहर में इस माह 25 सितंबर तक शराब उठाव का गणित
-सांगानेर सर्किल में अब तक 15 करोड़ 31 लाख 13 हजार का उठाव
-साउथ सर्किल में 12 करोड़ 69 लाख से अधिक का उठाव
-वेस्ट सर्किल में 11 करोड़ 97 लाख से अधिक का उठाव
-झोटवाड़ा सर्किल में 11 करोड़ 64 लाख से अधिक का उठाव
-साउथ ईस्ट में 11 करोड़ 45 लाख से अधिक का उठाव
-नॉर्थ में 8 करोड़ 58 लाख से अधिक का उठाव
-ईस्ट में 8 करोड़ 27 लाख से अधिक का उठाव
आबकारी विभाग जिलों की सर्किल के आंकड़ों पर भी नजर बनाए हुए है और वार्षिक लाइसेंस फीस और शराब उठाव को लेकर भी अधिकारियों की क्लास लग रही है. जयपुर की सात सर्किलों में सांगानेर सर्किल इस माह नंबर एक पर चल रही है और प्रदेशभर में ऐसे ही उदाहरण देकर शराब उठाव के आंकड़े पूरे करने पर जोर दिया जा रहा है. देखने वाली बात यह रहेगी कि अगले माह किस जिले और जोन में शराब का सबसे ज्यादा उठाव होता है.