जयपुर: प्रदेशभर में तय समय के बाद शराब दुकान से अवैध बिक्री पर रोक भले ही नहीं लगी, लेकिन दुकानों की जांच और अवैध शराब परिवहन में बड़ी कार्रवाई की जा रही है. प्रदेश में 1000 अभियोग दर्ज कर 350 से ज्यादा गिरफ्तारी हो चुकी है. जयपुर के अभियान के क्या हाल.
जयपुर में शराब दुकानों से अवैध शराब की बिक्री और घटिया शराब की शिकायतें मिलने के बाद पिछले 11 दिन से रिटेल अनुज्ञा धारियों की जांच अभियान के दौरान दुकानों से अब तक 510 नमूने लिए जा चुके हैं, जिसमें बोतल से लेकर लेबल तक शामिल हैं. अच्छी बात यह है कि जिला आबकारी अधिकारी खुद दुकान जांच में लगे हैं और सबसे ज्यादा जांच भी इन्होंने की है. लेकिन अफसोस इस बात का है कि जांच के लिए जिम्मेदार अधिकारी लगातार ढिलाई बरत रहे हैं. जयपुर का उत्तर सर्किल सबसे पीछे चल रहा है.
-रिटेल अनुज्ञा धारियों की जांच का विशेष अभियान
-पिछले 11 दिन में 510 बार दुकानों का निरीक्षण
-इस दौरान शराब से जुड़े 425 नमूने लिए गए
-इसमें भी 140 नमूने जांच के लिए भेजे गए
-अब तक 16 प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू
-सबसे ज्यादा प्रकरण सांगानेर में दर्ज किए गए
-प्रकरण दर्ज करने में उत्तर और पश्चिम सर्किल सबसे पीछे
-जिला आबकारी अधिकारी ने किए सबसे ज्यादा निरीक्षण
-पश्चिम और झोटवाड़ा सर्किल ने सबसे कम निरीक्षण किए
राजधानी में जारी अभियान के तहत शराब से जुड़े 425 नमूने लिए जा चुके हैं और इसमें से 140 नमूनों की जांच भी शुरू हो गई। बताया जा रहा है कि शराब के लेबल की जांच जा रही है और हो सकता है कि कुछ लाइसेंसियों की दुकानों पर नकली शराब बेचने की पुष्टि भी हो जाए. ऐसे में क्या कार्रवाई की जाएगी. यह तो देखने वाली बात होगी. लेकिन इतना जरूर है कि आबकारी विभाग ने छह माह के इंतजार के बाद शहर में इस तरह का अभियान शुरू किया.
जयपुर शहर में सात सर्किल हैं और हर सर्किल की जिम्मेदारी बनती है कि वह मुस्तैदी से जांच करे, लेकिन उत्तर और पश्चिम सर्किल पीछे चल रहे हैं। प्रकरण दर्ज करने में सांगानेर सर्किल पांच मामलों के साथ सबसे आगे हैं. जबकि पूर्व में 3, दक्षिण-पूर्व, दक्षिण और झोटवाड़ा सर्किल ने 2-2 मामले दर्ज किए. उधर, पश्चिम और उत्तर सर्किल 1-1 मामला दर्ज कर चुका है.