समस्याओं के समाधान का बेहतरीन मैकेनिज्म बना संपर्क पोर्टल, शिकायत निस्तारणों के मामले में अग्रणी रहे जयपुर-जोधपुर, देखिए खास रिपोर्ट

समस्याओं के समाधान का बेहतरीन मैकेनिज्म बना संपर्क पोर्टल, शिकायत निस्तारणों के मामले में अग्रणी रहे जयपुर-जोधपुर, देखिए खास रिपोर्ट

जयपुरः सचिवालय का संपर्क पोर्टल आम लोगों की समस्याओं के हल के बेहतरीन मैकेनिज्म की नजीर बना है. राजधानी जयपुर और जोधपुर जैसे जिले काफी हद तक खरे उतरे हैं और अब नवाचार के साथ मुख्य सचिव वी श्रीनिवास के नेक्स्ट जेनरेशन सिटीजन ग्रीवियंस रिड्रेसल के विजन को आगे बढ़ा रहे हैं. 

देश भर में राजस्थान का संपर्क पोर्टल आम लोगों की शिकायत दूर करने के मैकेनिज्म में टॉप पर बना हुआ है. इसमें सिर्फ शिकायत दूर करने को लेकर ही नहीं,बल्कि वह शिकायत कहां से शुरू हुई और किस स्तर पर समाप्त हुई,उसकी संतुष्टि दर क्या है और दिए गए हल की संतुष्टि दर क्या है, इन सभी पहलुओं को लेकर रैंकिंग तय की गई है. 

-राजस्थान संपर्क में शिकायतें लेने और उसके निस्तारण के ऑटोमेटेड सिस्टम के तहत उसे अलग स्तरों पर हल किया जाता है.

-इसमें रैंकिंग के लिए दर्ज शिकायतों,उसकी पेंडेंसी,पेंडेंसी प्रतिशत,निस्तारित शिकायतें,मॉडरेशन में पेंडिंग और निरस्त शिकायतें,औसत निस्तारण समय, संतुष्टि,संतष्टि दर, राहत प्रतिशत,असंतुष्टि दर, निरस्त करने का प्रतिशत और इन सबके साथ कुल संतुष्टि दर को आधार बनाया जाता है. 

-इसमें पहला स्तर ब्लॉक स्तरीय अधिकारी का होता है जिसके समाधान से संतुष्ट न होने पर शिकायत ऑटोमेटेड तरीके से दूसरे स्तर जिला स्तरीय अधिकारी के पास और फिर संतुष्ट न होने पर राज्यस्तरीय यानि तीसरे स्तर पर जाती है और तब भी समाधान से संतुष्टि न हो तो वह सचिवालय स्तर पर आती है. ऐसे में जिलों की रैंकिंग का आधार पहले स्तर पर,दूसरे स्तर पर,तीसरे स्तर या चौथे स्तर पर निदान करने को लेकर भी है. 

इसके साथ ही पहले स्तर पर समाधान न होने या उस स्तर के अधिकारी के न देखने पर 15 दिनों या निर्धारित समय में दूसरे स्तर के अधिकारी और उसके न देखने पर तीसरे स्तर के अधिकारी के पास समस्या जाती है और इस टाइमलाइन एस्केलेशन में कितना समय लगा यह भी रैंकिंग का आधार होता है और इसी तरह मॉडरेशन में पेंडेंसी और मॉडरेशन में शिकायतें निरस्त करने के आधार पर भी ऑटोमेटेड तरह से रैंकिंग तय होती है. 

पिछले दो साल की रिपोर्ट पर गौर करें तो जयपुर और जोधपुर तमाम पैमानों में ज्यादातर खरे उतरे हैं. 

जयपुर
-इस दरम्यान 261466 शिकायतें दर्ज हैं जिसमें से 14157 शिकायतें पेंडिंग हैं और पेंडेंसी दर 5.41 प्रतिशत है.

-247282 शिकायतें निस्तारित हुई हैं,मॉडरेशन में शिकायतें 18 पेंडिंग हैं और इसी प्रक्रिया में 9 शिकायतें निरस्त हो गईं हैं. साथ ही शिकायत निस्तारण का औसत समय 17 दिन है.

संतुष्टि पर गौर करें तो जिले में शिकायत निस्तारण से 79412 संतुष्ट हैं और यह दर 67.21 प्रतिशत है जबकि 38746 संतुष्ट नहीं हैं. राहत देने का 74.15 प्रतिशत है. 

जो शिकायतें निरस्त हुईं हैं उससे 22052 संतुष्ट हैं और संतुष्टि 55.68 प्रतिशत है. निरस्त शिकायतों से 17554 लोग असंतुष्ट हैं और रिजेक्शन यानि निरस्त 25.84 प्रतिशत शिकायतें हुई हैं.
-इन सभी आधारों पर गुणवत्तापूर्ण रैंकिंग की जाए तो जयपुर 64 प्रतिशत संतुष्टि दर के साथ आगे है. 

जोधपुर
जोधपुर का सभी पैमानों पर संतुष्टि दर 67 प्रतिशत है हालांकि वहां जयपुर की दर्ज शिकायतें 261466 के मुकाबले 161033 शिकायतें दर्ज हैं जिनमें से 8326 शिकायतें पेंडिंग हैं और इस पेंडेंसी की दर 5.17प्रतिशत है. 

जोधपुर में 152640 शिकायतें निस्तारित हुई हैं,17 शिकायतें मॉडरेशन में पेंडिंग हैं और 50 शिकायतों को इसी प्रक्रिया में निरस्त किया गया है जबकि जोधपुर में औसत निस्तारण समय 18 दिन है और 52750 लोग शिकायत निस्तारण से संतुष्ट हैं जो कि 76.08 प्रतिशत हैं. 

जोधपुर में निस्तारण से 16587 असंतुष्ट हैं लेकिन 70.12 प्रतिशत लोगों को राहत मिली है. 

जोधपुर में शिकायत निरस्त करने से 12616 शिकायत निरस्त करने से संतुष्ट हैं और निस्तारण से 44.94 प्रतिशत संतुष्ट हैं. 15455 लोग शिकायत निरस्त करने से संतुष्ट नहीं हैं और निरस्त करने की दर 29.87 प्रतिशत है. यहां तमाम पैमानों पर ध्यान दें तो कुल संतुष्टि दर 67 प्रतिशत है.

सारे 41 जिलों को देखें तो पिछले दो सालों में 2532558 शिकायतें दर्ज हैं जिसमें से 2424859 शिकायतें निस्तारित हुईं हैं और 4 प्रतिशत दर के साथ 105895 शिकायतें पेंडिंग हैं. औसत निस्तारण समय 16 दिन है और निस्तारण से 68 प्रतिशत यानि 750562 संतुष्ट हैं जबकि 347255 संतुष्ट नहीं है. 71 प्रतिशत राहत दर है और  शिकायत निरस्त करने से 223220 लोग संतुष्ट हैं और संतुष्टि दर 49 प्रतिशत है. कुल निरस्त करने की दर 29 प्रतिशत है और कुल मिलाकर सभी पैमानों अनुसार 63 प्रतिशत संतुष्ट हैं.  

सभी पैमानों के आधार पर सामने आने वाली कुल संतुष्टि दर के आधार पर फलोदी 54 प्रतिशत,जैसलमेर 56 प्रतिशत,डीडवाना-कुचामन 58 प्रतिशत,डीग और भीलवाड़ा 59 प्रतिशत ऐसे जिले हैं जिन्हें अभी खासे प्रयास करने होंगे.